अलीगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेखों से गलत तरीके से नौकरी पाने वाली फर्जी शिक्षिका के मामले में अकाउंटेंट हरीशचंद्र की संविदा खत्म होना तय माना जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने उसकी संविदा खत्म किए जाने का प्रस्ताव डीएम को भेजा गया है।
डीएम से संस्तुति मिलते ही उसकी संविदा खत्म कर दी जाएगी। साथ ही वार्डन बीना को भी कड़ी चेतावनी दी गई है। वहीं, बालिका शिक्षा समग्र शिक्षा के जिला समन्वयक गजेंद्र सिंह की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखा जा रहा है।
फर्जी शिक्षिका के अभिलेखों का सत्यापन किए बगैर उसे मानदेय का भुगतान करने में बरती गई अकाउंटेंट हरीशचंद्र की लापरवाही प्रथमदृष्टया में सामने आई है। अकाउंटेंट की संविदा खत्म करने के लिए डीएम को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा वार्डन को कड़ी चेतावनी दी गई है।
वार्डन ने अपने जवाब में स्वयं को निर्दोष बताया था। हालांकि, बीएसए ने दो टूक कह दिया है कि अगर जांच-पड़ताल में उनकी संलिप्तता पाई गई तो उन्हें भी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। इसी क्रम में जिला समन्वयक गजेंद्र सिंह की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक उप्र को पत्र लिखा जा रहा है। गजेंद्र सिंह की मूल तैनाती माध्यमिक शिक्षा विभाग में है।
बबली है फर्जी शिक्षिका, टीम पहुंची कानपुर
फर्जी शिक्षिका की तलाश में कानपुर देहात गई थाना पालीमुकीमपुर की पुलिस टीम को अनामिका शुक्ला के नाम से नौकारी लेने वाली फर्जी शिक्षिका का नाम बबली पता चला है। कॉल डिटेल के हिसाब से पुलिस रसूलाबाद कानपुर देहात पहुंची, जहां तफ्तीश के बाद फर्जी शिक्षिका का नाम बबली के रूप में सामने आया है।
उस महिला का मकान बंद होने के कारण अभी उससे मुलाकात नहीं हो सकी है। हालांकि, नाम में भी हेरफेर हो सकता है, क्योंकि इस फर्जी शिक्षिका का बैंक खाता अनामिका नाम से है। शिक्षिका ने जिस नंबर पर काफी देर तक बात की है, उन मोबाइल नंबर के लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही इस मामले से पर्दा उठ जाएगा।
फर्जी शिक्षिका के बक्से से सुरागकशी के लिए गुरुवार को नायब तहसीलदार दिनेश कुमार शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी केएल वर्मा व थाना पालीमुकीमपुर के थानाध्यक्ष हरिभान सिंह राठौड़ अपने दलबल के साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली पहुंचे।
दोपहर करीब 1:10 बजे से लेकर 2:10 बजे तक विद्यालय में पूरा सरकारी अमला जुटा रहा। अधिकारियों की मौजूदगी में कमरे में रखे फर्जी शिक्षिका के बक्से में लगे ताले को चौकीदार ने आरी से काटने की नाकाम कोशिश की। फिर, ताले को हथौड़े से तोड़ दिया गया।
पुलिस ने पूरे बक्से को खंगाला, लेकिन कुछ ऐसा सामान हाथ नहीं लगा, जिसे अहम सुराग माना जाए। फिर भी कुछ दस्तावेज व अन्य प्रपत्र मिले हैं, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है और उनका परीक्षण कराया जा रहा है।
फर्जी शिक्षिका को है कविता लिखने का शौक
बक्से में तीन रजिस्टर भी मिले हैं। एक रजिस्टर में फर्जी शिक्षिका हाजिरी लगाती थी, जबकि एक रजिस्टर में दो-चार पन्नों में कविता लिखी थी। शिक्षिका को कविता लिखने का शौक था। ऐसा रजिस्टर पर लिखे भाव बताते हैं।
बक्से में मिली मार्कशीट की छाया प्रति
फर्जी शिक्षिका के बक्से में बीएससी के प्रथम व तृतीय वर्ष के अंक पत्र की छाया प्रति मिली है, जिस पर द्वितीय प्रतिलिपि अंकित है, जो डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या से जारी है। हाईस्कूल, इंटर व टीईटी अंक पत्र की छायाप्रति मिली है। बक्से के अंदर प्रियांशु लिखा है, जबकि बक्से में भगवान शिव-पार्वती, श्रीराम, श्रीकृष्ण का चित्र लगा है। इसके अलावा बक्से में सूट, साड़ी, शृंगार के सामान मिले हैं।
यूं तो जांच-पड़ताल में फर्जी शिक्षिका के घर का पता बिल्हा, कानपुर देहात सामने आया है, लेकिन गुरुवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय पहुंची पुलिस ने जब फर्जी शिक्षिका का बक्सा का खोला, तो उसमें चरित्र प्रमाण पत्र मिला, जो मैनपुरी जिले से बना है। जबकि स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सामदुयिक स्वास्थ्य केंद्रा भोगांव, मैनपुरी से बना है। हालांकि, भोगांव के आगे तनपुर लिखा है। मगर दो शब्द पर व्हाइटनर लगा है। फर्जी शिक्षिका का बैंक खाता कानपुर देहात में सेंट्रल बैंक का है।
बक्से से नहीं मिला कोई अहम सुराग
उम्मीद जताई जा रही थी कि फर्जी शिक्षिका के बक्से से पुलिस को कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं। मगर, ऐसा कुछ भी नहीं निकला, जिसके सहारे पुलिस फर्जी शिक्षिका के पास पहुंच जाए। अलबत्ता, चरित्र व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर अंकित मैनपुरी से एक बार शिक्षिका के असल पते को लेकर पुलिस उलझ गई है, क्योंकि जांच में शिक्षिका के घर का पता बिल्हा कानपुर देहात है। इसी मामले में थाना पालीमुकीमपुर पुलिस की टीम कानपुर देहात गई है।
भैया मत पूछो हाल, कांपने लगा है दिल
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेखों से फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका की साथी शिक्षिकाओं में इस घटना से उनमें एक तरह का सदमा बैठ गया है। जब अमर उजाला के संवाददाता ने शिक्षिकाओं का मन टटोलना चाहा, तो उनका गला रूंध गया। आंखें में नम हो गईं। रुआंसी होकर बोलीं, भैया मत पूछो इस मामले के बारे में। अब दिल कांपने लगा है। जिंदगी में पहली बार इतनी जांच-पड़ताल और पुलिस का आना-जाना देखकर उनका दिल घबराने लगा है। इन सब चीजों से दम घुटने लगा है।
अलीगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेखों से गलत तरीके से नौकरी पाने वाली फर्जी शिक्षिका के मामले में अकाउंटेंट हरीशचंद्र की संविदा खत्म होना तय माना जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने उसकी संविदा खत्म किए जाने का प्रस्ताव डीएम को भेजा गया है।
डीएम से संस्तुति मिलते ही उसकी संविदा खत्म कर दी जाएगी। साथ ही वार्डन बीना को भी कड़ी चेतावनी दी गई है। वहीं, बालिका शिक्षा समग्र शिक्षा के जिला समन्वयक गजेंद्र सिंह की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखा जा रहा है।
फर्जी शिक्षिका के अभिलेखों का सत्यापन किए बगैर उसे मानदेय का भुगतान करने में बरती गई अकाउंटेंट हरीशचंद्र की लापरवाही प्रथमदृष्टया में सामने आई है। अकाउंटेंट की संविदा खत्म करने के लिए डीएम को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा वार्डन को कड़ी चेतावनी दी गई है।
वार्डन ने अपने जवाब में स्वयं को निर्दोष बताया था। हालांकि, बीएसए ने दो टूक कह दिया है कि अगर जांच-पड़ताल में उनकी संलिप्तता पाई गई तो उन्हें भी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। इसी क्रम में जिला समन्वयक गजेंद्र सिंह की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक उप्र को पत्र लिखा जा रहा है। गजेंद्र सिंह की मूल तैनाती माध्यमिक शिक्षा विभाग में है।
बबली है फर्जी शिक्षिका, टीम पहुंची कानपुर
फर्जी शिक्षिका की तलाश में कानपुर देहात गई थाना पालीमुकीमपुर की पुलिस टीम को अनामिका शुक्ला के नाम से नौकारी लेने वाली फर्जी शिक्षिका का नाम बबली पता चला है। कॉल डिटेल के हिसाब से पुलिस रसूलाबाद कानपुर देहात पहुंची, जहां तफ्तीश के बाद फर्जी शिक्षिका का नाम बबली के रूप में सामने आया है।
उस महिला का मकान बंद होने के कारण अभी उससे मुलाकात नहीं हो सकी है। हालांकि, नाम में भी हेरफेर हो सकता है, क्योंकि इस फर्जी शिक्षिका का बैंक खाता अनामिका नाम से है। शिक्षिका ने जिस नंबर पर काफी देर तक बात की है, उन मोबाइल नंबर के लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही इस मामले से पर्दा उठ जाएगा।
फर्जी शिक्षिका के बक्से का ताला तोड़ा, प्रपत्र जब्त
फर्जी शिक्षिका के बक्से से सुरागकशी के लिए गुरुवार को नायब तहसीलदार दिनेश कुमार शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी केएल वर्मा व थाना पालीमुकीमपुर के थानाध्यक्ष हरिभान सिंह राठौड़ अपने दलबल के साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली पहुंचे।
दोपहर करीब 1:10 बजे से लेकर 2:10 बजे तक विद्यालय में पूरा सरकारी अमला जुटा रहा। अधिकारियों की मौजूदगी में कमरे में रखे फर्जी शिक्षिका के बक्से में लगे ताले को चौकीदार ने आरी से काटने की नाकाम कोशिश की। फिर, ताले को हथौड़े से तोड़ दिया गया।
पुलिस ने पूरे बक्से को खंगाला, लेकिन कुछ ऐसा सामान हाथ नहीं लगा, जिसे अहम सुराग माना जाए। फिर भी कुछ दस्तावेज व अन्य प्रपत्र मिले हैं, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है और उनका परीक्षण कराया जा रहा है।
फर्जी शिक्षिका को है कविता लिखने का शौक
बक्से में तीन रजिस्टर भी मिले हैं। एक रजिस्टर में फर्जी शिक्षिका हाजिरी लगाती थी, जबकि एक रजिस्टर में दो-चार पन्नों में कविता लिखी थी। शिक्षिका को कविता लिखने का शौक था। ऐसा रजिस्टर पर लिखे भाव बताते हैं।
बक्से में मिली मार्कशीट की छाया प्रति
फर्जी शिक्षिका के बक्से में बीएससी के प्रथम व तृतीय वर्ष के अंक पत्र की छाया प्रति मिली है, जिस पर द्वितीय प्रतिलिपि अंकित है, जो डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या से जारी है। हाईस्कूल, इंटर व टीईटी अंक पत्र की छायाप्रति मिली है। बक्से के अंदर प्रियांशु लिखा है, जबकि बक्से में भगवान शिव-पार्वती, श्रीराम, श्रीकृष्ण का चित्र लगा है। इसके अलावा बक्से में सूट, साड़ी, शृंगार के सामान मिले हैं।
चरित्र प्रमाणपत्र कर रहा कहानी का चित्रण
यूं तो जांच-पड़ताल में फर्जी शिक्षिका के घर का पता बिल्हा, कानपुर देहात सामने आया है, लेकिन गुरुवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय पहुंची पुलिस ने जब फर्जी शिक्षिका का बक्सा का खोला, तो उसमें चरित्र प्रमाण पत्र मिला, जो मैनपुरी जिले से बना है। जबकि स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सामदुयिक स्वास्थ्य केंद्रा भोगांव, मैनपुरी से बना है। हालांकि, भोगांव के आगे तनपुर लिखा है। मगर दो शब्द पर व्हाइटनर लगा है। फर्जी शिक्षिका का बैंक खाता कानपुर देहात में सेंट्रल बैंक का है।
बक्से से नहीं मिला कोई अहम सुराग
उम्मीद जताई जा रही थी कि फर्जी शिक्षिका के बक्से से पुलिस को कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं। मगर, ऐसा कुछ भी नहीं निकला, जिसके सहारे पुलिस फर्जी शिक्षिका के पास पहुंच जाए। अलबत्ता, चरित्र व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर अंकित मैनपुरी से एक बार शिक्षिका के असल पते को लेकर पुलिस उलझ गई है, क्योंकि जांच में शिक्षिका के घर का पता बिल्हा कानपुर देहात है। इसी मामले में थाना पालीमुकीमपुर पुलिस की टीम कानपुर देहात गई है।
भैया मत पूछो हाल, कांपने लगा है दिल
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेखों से फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका की साथी शिक्षिकाओं में इस घटना से उनमें एक तरह का सदमा बैठ गया है। जब अमर उजाला के संवाददाता ने शिक्षिकाओं का मन टटोलना चाहा, तो उनका गला रूंध गया। आंखें में नम हो गईं। रुआंसी होकर बोलीं, भैया मत पूछो इस मामले के बारे में। अब दिल कांपने लगा है। जिंदगी में पहली बार इतनी जांच-पड़ताल और पुलिस का आना-जाना देखकर उनका दिल घबराने लगा है। इन सब चीजों से दम घुटने लगा है।
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फर्जी शिक्षिका के बक्से का ताला तोड़ा, प्रपत्र जब्त
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