LAC विवाद पर भारत और चीन के बीच खूनी झड़प के बाद लद्दाख से BJP सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने ‘ड्रैगन’ को चेताते हुए कहा है कि भारत में अब साल 1962 जैसी सरकार नहीं है। अब अक्साई चिन को वापस लेने का वक्त आ गया है, जो चीनी सेना ने 62 की जंग के दौरान कब्जा लिया था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए वही लाइन (हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा) इस्तेमाल की, जो उन्होंने 2016 में उरी हमले के बाद और उसके जवाब में की गई कार्रवाई- सर्जिकल स्ट्राइक से इस्तेमाल की थी।
बीजेपी सांसद ने पत्रकारों से कहा- लद्दाखवासी इस समय देश और सेना के साथ हैं। सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसके साथ हैं। हम इस समस्या का हल चाहते हैं। न सिर्फ लद्दाख के लोग, बल्कि पूरा देश इस समस्या का एक बारगी हल चाहता है।
बकौल नामग्याल, “हम बार-बार देश के जवानों को गंवाना नहीं चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि बॉर्डर पर आम नागरिकों की जिंदगी प्रभावित हो। यही वजह है कि हम एक बार में इस विवाद का हल चाहते हैं। 1962 में भारत ने एक बार नहीं बल्कि 100 बार धोखा दिया। उन्होंने युद्ध के दौरान तब हमारी 37,244 स्क्वायर किमी जमीन हड़प ली, जिसे आज अक्साई चिन कहा जाता है। मुझे यह शब्द सुनकर हैरानी होती है। यह अक्साई चिन नहीं बल्कि चीन अधिकृत/गुलाम भारतीय क्षेत्र है।”
उनके मुताबिक, अब इसे वापस लेने का वक्त आ चुका है। आज की सरकार 1962 जैसी नहीं है। जो नरेंद्र मोदी कहते हैं, वे करते भी हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से पहले उन्होंने कहा था- हमारे जवानों का त्याग बेकार नहीं जाएगा। चीन के संदर्भ में भी उन्होंने वही बात दोहराई।
इसी बीच, भारतीय सेना ने गुरुवार को उन मीडिया खबरों को खारिज किया कि जिनमें दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों के बाद उसके कई सैनिक लापता है। वहीं, भारत ने चीन से कहा कि वह अपनी गतिविधियों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के उसके अपने क्षेत्र तक ही सीमित रखे और उसे इसमें बदलाव के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। में रुचि है तो
सबसे ज्यादा पढ़ी गई
Discussion about this post