थर्मल स्क्रीनिंग करता व्यक्ति
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आगरा में संक्रमण मुक्त घोषित किए गए इलाकों में फिर से संक्रमित मिल रहे हैं। वायरस की वापसी के साथ इन इलाकों में नए कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। इनमें ताजगंज, खंदारी, कमला नगर और गांधी नगर शामिल हैं। ज्यादा मरीज मिलने पर बफर जोन भी बनाए जा रहे हैं।
जनपद में अब तक 123 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। इनमें अभी 67 सक्रिय हैं जबकि 56 संक्रमण मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। ताजगंज, खंदारी, कमला नगर, भगवान टॉकीज, दयालबाग क्षेत्र भी प्रशासन की बंद किए गए कंटेनमेंट जोन सूची में शामिल हैं। फिर भी यहां नए मरीज निकल रहे हैं। इन इलाकों में फिर से कंटेनमेंट और बफर जोन बन गए हैं।
आगराः दो संक्रमितों की मौत, 12 नए मरीज मिले, कुल संख्या 1020 पहुंची
750 मीटर का बफर जोन
कंटेनमेंट जोन की परिधि 250 मीटर है, बफर जोन बनते ही ये 750 से एक किमी हो जाती है। शहर में सक्रिय 44 कंटेनमेंट जोन में 20 इलाके बफर जोन बन चुके हैं। इन इलाकों में बैरीकेडिंग कर चेतावनी बोर्ड लगे हैं। आम लोगों की आवाजाही पर सख्ती बरती जाती है।
सक्रिय कंटेनमेंट जोन में 597 संक्रमित, 37 की मौत
67 कंटेनमेंट जोन में 597 मरीज मिल चुके हैं। यहां 37 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इनमें शहरी क्षेत्र में 529 केस और 34 मौत हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 44 पॉजिटिव मिले हैं और दो मरीजों की मौत हो चुकी है।
14 मौत, 393 संक्रमितों के बाद बंद हुए थे कंटेनमेंट जोन
शहर व देहात में संक्रमण मुक्त घोषित 56 इलाकों में 14 मरीजों की मौत हो चुकी है। 393 मरीज संक्रमित मिले थे। इन इलाकों में 22 से 100 दिन पहले तक अंतिम मरीज मिला था। लंबे समय तक मरीज न मिलने पर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से बाहर घोषित किया जाता है।
यहां फिर से मिले नए मरीज
कमला नगर
25 मार्च को एक हॉस्पिटल में दो केस मिले। 20 अप्रैल को कंटेनमेंट बंद हो गया। अब जोन एक्टिव है। कई ब्लॉक में एक-एक कर 31 केस आ चुके हैं। छह जून को आखिरी केस मिला है। यहां तीन संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
खंदारी 3 मार्च को मास्टर प्लान रोड पर पांच केस मिले। 28 दिन बाद कंटेनमेंट बंद हो गया। दूसरी बार 29 अप्रैल को क्षेत्र में फिर आठ पॉजिटिव निकले। तीसरी बार पांच दिन पहले शिव नगर, मास्टर प्लान रोड पर पांच नए केस मिले हैं।
ताजगंज
शहर के सबसे बड़े हॉटस्पॉट में 49 केस मिले थे। 9 मई को आखिरी केस मिला। जोन बंद कर दिया। इसके बाद गोबर की चौकी में सात जून तक 11 नए मरीज निकले हैं। जयपुरिया कॉलोनी में एक केस और मुरली बिहार, बिल्लोचपुरा, ताजनगरी में 9 नए केस मिलने से क्षेत्र फिर बफर जोन में है।
गांधी नगर
इस पॉश इलाके में 38 केस मिल चुके हैं। 16 मई को आखिरी केस मिला था। बाद में कंटेनमेंट जोन बंद है। दोबारा पालीवाल पार्क के पास 2 जून को छह नए मरीज मिलने से क्षेत्र फिर संक्रमण की गिरफ्त में आ गया।
लोगों की आवाजाही से संक्रमण फैला
डीएम प्रभु एन सिंह ने कहा लोगों की आवाजाही से संक्रमण एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पहुंच रहा है। जिन कंटेनमेंट जोन के आसपास नए केस मिले हैं, वहां बफर जोन बनाए हैं।
उठे सवाल
हेल्थ सर्वे और स्क्रीनिंग के बावजूद स्वास्थ्य विभाग संक्रमितों की पहचान क्यों नहीं कर पाया?
कंटेनमेंट जोन में कई जगह दुकानें खुलीं थीं, लोग घूम रहे थे, तब कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
हॉटस्पॉट के लोगों को जागरूक करना था कि वे ज्यादा एहतियात बरतें, इसमें चूक क्यों हुई?
संक्रमितों के संपर्कों को ट्रेस कर सैंपलिंग कराई जानी थी, कहीं इसमें लापरवाही तो नहीं हुई?
सार
- 123 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं शहर में
- 67 कंटेनमेंट जोन में नए मरीज मिल रहे
- 56 कंटेनमेंट कागजों में बंद घोषित हैं।
- 44 कंटेनमेंट जोन शहर में सक्रिय हैं
- 23 कंटेनमेंट जोन ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय
विस्तार
आगरा में संक्रमण मुक्त घोषित किए गए इलाकों में फिर से संक्रमित मिल रहे हैं। वायरस की वापसी के साथ इन इलाकों में नए कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। इनमें ताजगंज, खंदारी, कमला नगर और गांधी नगर शामिल हैं। ज्यादा मरीज मिलने पर बफर जोन भी बनाए जा रहे हैं।
जनपद में अब तक 123 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। इनमें अभी 67 सक्रिय हैं जबकि 56 संक्रमण मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। ताजगंज, खंदारी, कमला नगर, भगवान टॉकीज, दयालबाग क्षेत्र भी प्रशासन की बंद किए गए कंटेनमेंट जोन सूची में शामिल हैं। फिर भी यहां नए मरीज निकल रहे हैं। इन इलाकों में फिर से कंटेनमेंट और बफर जोन बन गए हैं।
आगराः दो संक्रमितों की मौत, 12 नए मरीज मिले, कुल संख्या 1020 पहुंची
750 मीटर का बफर जोन
कंटेनमेंट जोन की परिधि 250 मीटर है, बफर जोन बनते ही ये 750 से एक किमी हो जाती है। शहर में सक्रिय 44 कंटेनमेंट जोन में 20 इलाके बफर जोन बन चुके हैं। इन इलाकों में बैरीकेडिंग कर चेतावनी बोर्ड लगे हैं। आम लोगों की आवाजाही पर सख्ती बरती जाती है।
सक्रिय कंटेनमेंट जोन में 597 संक्रमित, 37 की मौत
67 कंटेनमेंट जोन में 597 मरीज मिल चुके हैं। यहां 37 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इनमें शहरी क्षेत्र में 529 केस और 34 मौत हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 44 पॉजिटिव मिले हैं और दो मरीजों की मौत हो चुकी है।
14 मौत, 393 संक्रमितों के बाद बंद हुए थे कंटेनमेंट जोन
शहर व देहात में संक्रमण मुक्त घोषित 56 इलाकों में 14 मरीजों की मौत हो चुकी है। 393 मरीज संक्रमित मिले थे। इन इलाकों में 22 से 100 दिन पहले तक अंतिम मरीज मिला था। लंबे समय तक मरीज न मिलने पर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से बाहर घोषित किया जाता है।
यहां फिर से मिले नए मरीज
कमला नगर
25 मार्च को एक हॉस्पिटल में दो केस मिले। 20 अप्रैल को कंटेनमेंट बंद हो गया। अब जोन एक्टिव है। कई ब्लॉक में एक-एक कर 31 केस आ चुके हैं। छह जून को आखिरी केस मिला है। यहां तीन संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
खंदारी 3 मार्च को मास्टर प्लान रोड पर पांच केस मिले। 28 दिन बाद कंटेनमेंट बंद हो गया। दूसरी बार 29 अप्रैल को क्षेत्र में फिर आठ पॉजिटिव निकले। तीसरी बार पांच दिन पहले शिव नगर, मास्टर प्लान रोड पर पांच नए केस मिले हैं।
ताजगंज
शहर के सबसे बड़े हॉटस्पॉट में 49 केस मिले थे। 9 मई को आखिरी केस मिला। जोन बंद कर दिया। इसके बाद गोबर की चौकी में सात जून तक 11 नए मरीज निकले हैं। जयपुरिया कॉलोनी में एक केस और मुरली बिहार, बिल्लोचपुरा, ताजनगरी में 9 नए केस मिलने से क्षेत्र फिर बफर जोन में है।
गांधी नगर
इस पॉश इलाके में 38 केस मिल चुके हैं। 16 मई को आखिरी केस मिला था। बाद में कंटेनमेंट जोन बंद है। दोबारा पालीवाल पार्क के पास 2 जून को छह नए मरीज मिलने से क्षेत्र फिर संक्रमण की गिरफ्त में आ गया।
लोगों की आवाजाही से संक्रमण फैला
डीएम प्रभु एन सिंह ने कहा लोगों की आवाजाही से संक्रमण एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पहुंच रहा है। जिन कंटेनमेंट जोन के आसपास नए केस मिले हैं, वहां बफर जोन बनाए हैं।
उठे सवाल
हेल्थ सर्वे और स्क्रीनिंग के बावजूद स्वास्थ्य विभाग संक्रमितों की पहचान क्यों नहीं कर पाया?
कंटेनमेंट जोन में कई जगह दुकानें खुलीं थीं, लोग घूम रहे थे, तब कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
हॉटस्पॉट के लोगों को जागरूक करना था कि वे ज्यादा एहतियात बरतें, इसमें चूक क्यों हुई?
संक्रमितों के संपर्कों को ट्रेस कर सैंपलिंग कराई जानी थी, कहीं इसमें लापरवाही तो नहीं हुई?
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