India-China Ladakh Border Dispute Latest News Live Update: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान घायल हुए भारतीय जवानों में से चार की हालत में पहले से सुधार आया है। इसी बीच, ड्रैगन के साथ तनातनी के बीच भारतीय सेना की कई गाड़ियों को लद्दाख रवाना कर दिया गया है। इससे पहले, भारत और चीन के बीच खूनी झड़प के बाद बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बातचीत की। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, वांग ने जयशंकर से कहा, “भारत और चीन को उनके नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति का पालन करना चाहिए।” वांग ने इसके साथ ही जोर दिया कि मतभेदों को दूर करने के लिए दोनों पक्षों को मौजूदा तंत्र के जरिए संचार और समन्वय मजबूत बनाना चाहिए। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गलवान में हिंसक झड़प को लेकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष भारत का कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा- गलवान में जो कुछ भी चीन की सेना (PLA) ने किया, वह साजिश थी।
दरअसल, लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हुए हैं। मंगलवार रात भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की। दूसरी तरफ न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक इंटरसेप्ट के हवाले दावा किया है कि चीन के भी 43 जवान हताहत हुए हैं। हालांकि, चीनी मीडिया में इस खबर को पूरी तरह दबा दिया गया है। चीन के मुखपत्र कहे जाने वाले पीपुल्स डेली और पीएलए डेली अखबार ने लद्दाख में भारतीय सेना के साथ हुई मुठभेड़ की खबरों को जगह ही नहीं दी है, जबकि मुठभेड़ पर हमलावर रुख अख्तियार किए ग्लोबल टाइम्स अखबार ने इस खबर को 16वें पन्ने पर छोटी जगह दी।
इस बीच अमेरिकी मीडिया में भी मंगलवार को भारत और चीन विवाद की चर्चा रही है। वॉशिंगटन एग्जामिनर अखबार में मंगलवार को छपे लेख में कहा गया कि 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 20 भारतीय सैनिकों को पीटकर मार दिया। इससे चीनी सेना ने भारतीय राष्ट्रवादी शेर को एक बार फिर जगा दिया है।
इस लेख को लिखने वाले पत्रकार रोगन ने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रवादी आधार पर बात करते हुए कहा कि वे लगातार भारत को घरेलू रुचियों से दूर कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कहते रहे हैं। अब पीएम मोदी पर खासा दबाव है, क्योंकि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकियों पर सरकार की तरफ से तेज कार्रवाई हुई थी। ऐसे में मोदी के सामने चीन का सामना करने की चुनौतियां बढ़ गई हैं, क्योंकि चीनी सेना की तरफ से सीमा के उल्लंघन का यह पहला मामला नहीं है।
इंडिया आर्मी के बयान में बताया कि 15-16 जून की दरमियानी रात भारत-चीन की झड़प हुई थी। लाइन ऑफ ड्यूटी पर 17 भारतीय टुकड़ियां जख्मी हुईं। सब-जीरो टेंप्रेचर (बेहद ठंडे) वाले इलाके में हमारे जवान देश के लिए शहीद हुए, जिनकी संख्या 20 है। भारतीय सेना अपने देश की अखंडता और संप्रभुता को सुरक्षित रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने यह भी बताया है कि चीन को भी इस खूनी झड़प में नुकसान हुआ है। पीएलए के 43 सैनिकों को क्षति पहुंची है। इनमें कुछ मारे गए हैं, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को यह भी बताया कि एलएसी के आसपास चीनी चॉपर्स की गतिविधि अधिक दिखी। माना जा रहा है कि भारत के साथ हुई खूनी झड़प में पीएलए के जो सैनिक मारे गए या जख्मी हुए, उन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए ये हेलीकॉप्टर्स आए थे।
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