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पिछले आठ हफ्तों में नौ निवेशों के जरिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 21.99% इक्विटी के लिए कुल 1,02,432.45 करोड़ रु का निवेश हो चुका है। यह निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला और सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश किया था। पिछले रविवार को ही अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) ने भी निवेश की घोषणा की थी।
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की फुली ओन्ड सब्सिडियरी है। ये एक नेक्स्ट जनरेशन टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल ईकोसिस्टम और भारत के नंबर 1 हाइ-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वो जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की फुली ओन्ड सब्सिडियरी बनी रहेगी।
टीजीपी एक प्रमुख वैश्विक एसेट फर्म है, जिसकी स्थापना 1992 में 79 अरब डॉलर से अधिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के साथ हुई थी। जिसमें निजी इक्विटी, ग्रोथ इक्विटी, रियल एस्टेट और पब्लिक इक्विटी शामिल हैं। टीपीजी के 25 वर्षों से अधिक के इतिहास में दुनिया भर में सैकड़ों पोर्टफोलियो कंपनियों का एक विस्तृत नेटवर्क बनाया है। वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों में इसके निवेश में एयरबीएनबी, उबेर और स्पॉटिफाई शामिल हैं।
मुकेश अंबानी ने किया स्वागत
जिम-कोल्टर, सह-सीईओ टीपीजी ने कहा कि हम जियो में निवेश के लिए रिलायंस के साथ भागीदारी करके उत्साहित महसूस कर रहें हैं, क्योंकि जियो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बदल रहा है।
जियो एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना चाहता है जिसका फायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले।
एक ऐसा डिजिटल भारत जिससे खास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो व्यवसायिओं और किसानों के हाथ मजबूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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