ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन (File Photo)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हुए चीनी सायबर अटैक (Cyber Attack) को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह देश के 5 जी नेटवर्क से हुआवेई (Huawei) पर लगाए गए प्रतिबंध लगाने का बदला लिया जा रहा है.
यह एक स्टेट द्वारा आयोजित साबर हमला है: पीएम
कैनबरा में एक प्रेस ब्रीफिंग में मॉरिसन ने कहा कि इसके बड़े पैमाने और प्रकृति के कारण साफ़ पता चलता है कि यह एक स्टेट आधारित जटिल सायबर एक्टर है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह साइबर अटैक ऑस्ट्रेलिया द्वारा अगस्त 2018 में चीनी कंपनी हुआवेई को अपने 5 जी नेटवर्क की भागीदारी से प्रतिबंधित करने के फैसले से जुड़ा हो सकता है. यह सब तब सामने आ रहा है जब ब्रिटेन अपने स्वयं के 5G नेटवर्क में चीनी दूरसंचार फर्म की भागीदारी को समाप्त करने के लिए दबाव का सामना कर रहा है.
दो गुमनाम पूर्व ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इन दुर्भावनापूर्ण साइबर हमलों के लिए सीधे तौर पर हुआवेई प्रतिबंध को जिम्मेदार ठहराया है. एक अधिकारी ने दावा किया है कि यह ऑपरेशन चीन के शक्तिशाली राज्य खुफिया सेवा मंत्रालय (MSS) द्वारा शुरू किया गया है. साइबर सुरक्षा शोधकर्ता रॉबर्ट पॉटर ने भी कहा कि सबूतों से साफ़ पता चल रहा है कि यह काम एमएसएस का ही है.चीन ने सायबर हमलों में अपना हाथ किया इंकार
चीन ने सायबर हमलों में अपना हाथ होने से इनकार किया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों के लिए ऑस्ट्रेलियाई रणनीतिक नीति संस्थान को दोषी ठहराया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि हमने कई बार कहा है कि यह संस्थान लंबे समय से अमेरिकी हथियार कंपनियों से धन प्राप्त कर रहा है. संस्थान की तरफ से हम पर लगाये जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं.
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ब्रिटेन के साथ जहाँ तक चीनी संबंधों में हुआवेई की बात है ब्रिटेन इस फर्म के साथ अपने भविष्य पर विचार कर रहा है. पिछले महीने की रिपोर्ट के अनुसार बोरिस जॉनसन इस योजना को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री जॉनसन ने कथित तौर पर अधिकारियों को उन योजनाओं को तैयार करने का आदेश दिया है जो अगले तीन सालों में यूके के बुनियादी ढांचे में चीन की भागीदारी को समाप्त कर देंगी
First published: June 20, 2020, 9:36 PM IST
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