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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर मिली सलाह के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप मामले में भले ही कुछ कदम उठाए हों, लेकिन अब इसकी आंच केन्द्र सरकार तक पहुंचने लगी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हाथरस जाने के प्रयास के बाद रायसीना हिल्स का भी पारा चढ़ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को हाथरस मामला दिसंबर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया मामले की तरफ जाता दिखाई देने लगा है। गृह मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से इस पर रिपोर्ट मांगी है। ताकि समय रहते केंद्र सरकार इस प्रकरण को शांत कराने में अपनी भूमिका निभा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं निंदनीय हैं। हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोगों को संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। इस तरह के मामलों में राजनीति करना ठीक नहीं है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग ने भी दिखाई तेजी
हाथरस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग भी तेजी से सक्रियता दिखा रहा है। दोनों केंद्रीय संस्थानों ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस संदर्भ में जवाब तलब किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। समझा जा रहा है कि जल्द राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम भी हाथरस का दौरा कर सकती है। राष्ट्रीय महिला आयोग के सूत्रों ने बताया कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने खुद इस मामले को संज्ञान में लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें
योगी आदित्यनाथ ने 2017 में राज्य के मुख्यमंत्री पद का भार संभाला था, लेकिन पहली बार उनके कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी और महासचिव रणजीत सुरजेवाला ने योगी आदित्यनाथ के बचपन के नाम अजय सिंह बिष्ट पर हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री के राज में कानून व्यवस्था फेल होने का हवाला देते हुए उनके इस्तीफा देने की मांग की है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत पर बड़ा हमला बोला है।
राहुल गांधी और प्रियंका की हाथरस जाने की पहल तथा काफी दूर तक पैदल चलकर हाथरस पहुंचने की कोशिश ने मुद्दे को राष्ट्रीय रूप देना शुरू कर दिया है। समझा जा रहा है कि गुरुवार की सुबह से सोशल मीडिया साइट, समाचार पत्र और इलेक्ट्रानिक मीडिया में हाथरस के गैंगरेप पीडि़त मामले मिल रही कवरेज ने केंद्र सरकार के भी हाथ-पांव फुला दिए हैं।
देश के कई राज्यों से उठ खड़ी हुई है आवाज
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाओं को सहन नहीं किया जाएगा और जो भी महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में संलिप्त होंगे, उनके साथ कठोरता से निबटा जाएगा। यह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर बड़ा तंज है। गौरतलब है कि पालघर में साधुओं की हत्या होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जहरबुझे तीर छोड़े थे। उसके बाद प्रदेश में कानून-व्यवस्था की खराब हालत के लिए आदित्यनाथ लगातार ठाकरे के निशाने पर हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
जद (यू) महासचिव केसी त्यागी ने हाथरस गैंगरेप मामले को 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया मामले से भी बदतर बताया है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के सक्रिय होने के बाद अब बसपा प्रमुख मायावती के बयान भी काफी तल्ख आने लगे हैं। मायावती ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज ही नहीं है। उन्होंने इस मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय से दखल देने की मांग की। आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर रावण ने भी इस मामले में न्याय की मांग की है। रावण का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है और दलितों पर अत्याचार जारी है। बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं है।
सोशल मीडिया पर चल रहे प्रधानमंत्री के पुराने वीडियो
हाथरस गैंगरेप मामले में लोगों की नाराजगी साफ देखी जा सकती है। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2012 में दिया गया वक्तव्य वायरल कर रहे हैं। गौरतलब है कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधानमंत्री उस समय केंद्र सरकार पर धारदार प्रहार करते थे। केंद्र की रीतियों-नीतियों की असरदार तरीके से आलोचना करते थे। अब लोग प्रधानमंत्री से हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और अन्य साइट पर इस घटना को लोग केन्द्र सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान से जोड़कर तंज कस रहे हैं।
सार
- राहुल और प्रियंका के हाथरस जाने के प्रयास गरमाया रायसीना हिल का माहौल
- बसपा प्रमुख मायावती, भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण ने भी उठाया मामला
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर मिली सलाह के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप मामले में भले ही कुछ कदम उठाए हों, लेकिन अब इसकी आंच केन्द्र सरकार तक पहुंचने लगी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हाथरस जाने के प्रयास के बाद रायसीना हिल्स का भी पारा चढ़ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को हाथरस मामला दिसंबर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया मामले की तरफ जाता दिखाई देने लगा है। गृह मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से इस पर रिपोर्ट मांगी है। ताकि समय रहते केंद्र सरकार इस प्रकरण को शांत कराने में अपनी भूमिका निभा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं निंदनीय हैं। हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोगों को संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। इस तरह के मामलों में राजनीति करना ठीक नहीं है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग ने भी दिखाई तेजी
हाथरस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग भी तेजी से सक्रियता दिखा रहा है। दोनों केंद्रीय संस्थानों ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस संदर्भ में जवाब तलब किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। समझा जा रहा है कि जल्द राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम भी हाथरस का दौरा कर सकती है। राष्ट्रीय महिला आयोग के सूत्रों ने बताया कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने खुद इस मामले को संज्ञान में लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें
योगी आदित्यनाथ ने 2017 में राज्य के मुख्यमंत्री पद का भार संभाला था, लेकिन पहली बार उनके कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी और महासचिव रणजीत सुरजेवाला ने योगी आदित्यनाथ के बचपन के नाम अजय सिंह बिष्ट पर हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री के राज में कानून व्यवस्था फेल होने का हवाला देते हुए उनके इस्तीफा देने की मांग की है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत पर बड़ा हमला बोला है।
राहुल गांधी और प्रियंका की हाथरस जाने की पहल तथा काफी दूर तक पैदल चलकर हाथरस पहुंचने की कोशिश ने मुद्दे को राष्ट्रीय रूप देना शुरू कर दिया है। समझा जा रहा है कि गुरुवार की सुबह से सोशल मीडिया साइट, समाचार पत्र और इलेक्ट्रानिक मीडिया में हाथरस के गैंगरेप पीडि़त मामले मिल रही कवरेज ने केंद्र सरकार के भी हाथ-पांव फुला दिए हैं।
देश के कई राज्यों से उठ खड़ी हुई है आवाज
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाओं को सहन नहीं किया जाएगा और जो भी महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में संलिप्त होंगे, उनके साथ कठोरता से निबटा जाएगा। यह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर बड़ा तंज है। गौरतलब है कि पालघर में साधुओं की हत्या होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जहरबुझे तीर छोड़े थे। उसके बाद प्रदेश में कानून-व्यवस्था की खराब हालत के लिए आदित्यनाथ लगातार ठाकरे के निशाने पर हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
जद (यू) महासचिव केसी त्यागी ने हाथरस गैंगरेप मामले को 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया मामले से भी बदतर बताया है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के सक्रिय होने के बाद अब बसपा प्रमुख मायावती के बयान भी काफी तल्ख आने लगे हैं। मायावती ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज ही नहीं है। उन्होंने इस मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय से दखल देने की मांग की। आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर रावण ने भी इस मामले में न्याय की मांग की है। रावण का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है और दलितों पर अत्याचार जारी है। बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं है।
सोशल मीडिया पर चल रहे प्रधानमंत्री के पुराने वीडियो
हाथरस गैंगरेप मामले में लोगों की नाराजगी साफ देखी जा सकती है। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2012 में दिया गया वक्तव्य वायरल कर रहे हैं। गौरतलब है कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधानमंत्री उस समय केंद्र सरकार पर धारदार प्रहार करते थे। केंद्र की रीतियों-नीतियों की असरदार तरीके से आलोचना करते थे। अब लोग प्रधानमंत्री से हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और अन्य साइट पर इस घटना को लोग केन्द्र सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान से जोड़कर तंज कस रहे हैं।
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