कोरोना काल में दफ्तरों में काम करने का तरीका बदला
– फोटो : AMAR UJALA
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सार
- कोरोना काल के बीच ऑफिस के डिजाइन में बदलाव जरूरी
- ऑफिस में कर्मचारियों के बीच छह फीट/दो मीटर की दूरी
- ऑफिस में कई जगहों पर सैनिटाइजेशन की उपलब्धता
विस्तार
कोरोना को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से हर देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कई देशों की अर्थव्यवस्था के नकारात्मक होने के संकेत दिए, जिसके ध्यान में रखते हुए सामान्य जीवन को वापस पटरी पर लाने का फैसला लिया गया।
दुनिया के कुछ ही देश हैं जो कोरोना से खुद को मुक्त घोषित कर चुके हैं लेकिन ज्यादातर देश कोविड-19 महामारी से घिरे हैं और लड़ाई लड़ रहे हैं। कोरोना के बीच उद्योगों को खोलने के सरकार के फैसले की कई जगह आलोचना हुई लेकिन बिना उद्योग, कंपनी खोले अर्थव्यव्था पर ठीक नहीं की जा सकती है।
अब कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ काम करना है तो कंपनियों और संगठनों को अपने ऑफिस के डिजाइन को बदलना होगा। काम करने का समय बदलना होगा और फर्नीचर का दोबारा संचालन करना होगा ताकि दफ्तर में काम करने आ रहे कर्मचारियों की सुरक्षा बनी रहे। कैसे डिजाइन हो सकता है नया ऑफिस, यहां पढ़ें…
कम से कम दूरी रखें
नए दफ्तर को कुछ इस तरह तैयार करें कि वहां बैठने वाले हर व्यक्ति या कर्मचारी के बीच दो मीटर या छह फीट की दूरी हो। बैठक वाले कक्ष में , कैफे, रेस्ट रूम में कम कुर्सियां और टेबल लगाएं ताकि एक साथ ज्यादा भीड़ ना जा सके।
घड़ी की सुईं की दिशा मेंं कर्मचारियों को चलाने के लिए उसी दिशा में नियोन रंग से पट्टी लगा दें। लोगों को ऐसे बैठाएं कि वो एक दूसरे के चेहरे के सामने ना आएं और दफ्तर में कर्मचारियों की गतिविधियों को नियंत्रित करें।
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