कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार लगातार अति संवदेनशील राज्यों की स्थिति पर निगरानी कर रही है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने कोविड जांच को लेकर 72 जिलों की सूची तैयार की है जहां सबसे कम कोरोना वापयरस की जांच हो रही है।
इनमें से आठ जिले ऐसे हैं जहां ज्यादात्तर 10 लाख की आबादी पर 500 से कम लोगों की कोरोना जांच हो रही है। इनमें दिल्ली का एक जिला भी शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन जिलों में कोविड जांच को बढ़ाने के लिए एंटीजन किट्स का ज्यादा इस्तेमाल करने के निर्देश भी दिए हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इन स्थिति को लेकर चर्चा की गई है। इस दौरान कोरोना वायरस की वृद्घि दर में लगातार गिरावट होने की जानकारी दी गई। साथ ही अति संवेदनशील राज्य व जिलों को अलर्ट पर रहने और प्रयासों को बढ़ाने के लिए भी कहा गया।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए बताया कि अभी तक औसतन रोजाना देश की राजधानी में चार से साढ़े चार हजार सैंपल की जांच हो रही थी लेकिन एंटीजन किट्स के जरिए यह आंकड़ा 20 हजार पहुंच चुका है। दिल्ली में बीते बृहस्पतिवार को पहली बार एक दिन में 20 हजार लोगों की जांच हुई है।
इसलिए बाकी अति संवदेनशील राज्यों को भी एंटीजन जांच पर ध्यान बढ़ाने के लिए कहा है। दरअसल देश में शुक्रवार तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 3.80 लाख से अधिक हो चुकी है। इनमें से करीब 94 फीसदी मामले बीते 15 जून तक 15 राज्यों में मिल चुके हैं। इन राज्यों में 40 जिले ऐसे हैं जहां से 70 फीसदी मरीज अब तक सामने आए हैं। जबकि 28 जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा मरीज मिले हैं।
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस से 82 फीसदी मौतें महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल में दर्ज की जा चुकी हैं। इन अति संवेदनशील राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जल्द पहचान, आइसोलेशन और मरीज के संपर्क में आने वालों की जल्द से जल्द पहचान को लेकर प्रयासों में तेजी लाने की सलाह भी दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बीते 13 जून तक जिलावार समीक्षा करने पर पता चला है कि 10 लाख की आबादी पर नासिक में 374, सोलापुर में 414, रायगढ़ में 622, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 417, सूरत में 440, वड़ोदरा में 528, गाजियाबाद में 447 और पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला में 539 सैंपल की जांच हो रही है।
जबकि इन जिलों में संक्रमित सैंपल मिलने की दर 7 फीसदी से अधिक है। सबसे कम उत्तर 24 परगना में यह दर 7.5 फीसदी दर्ज की गई है। जबकि उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला में यह सर्वाधिक 57.1 फीसदी दर मिली है। कोरोना वायरस की जांच को लेकर 10 लाख की आबादी पर राष्ट्रीय औसत 731 है। ऐसे में संक्रमण प्रभावित जिलों में जांच की गति को जल्द से जल्द बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 और कोविड की वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ रीजो एम जॉन बताते हैं कि जिन राज्यों में कोरोना वायरस के अब तक 500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही संक्रमण के लिहाज से जिन्हें अतिसंवेदनशील माना जा रहा है, वहां अस्पताल और बिस्तरों की संख्या बेहद कम है।
देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस से औसतन 9.31 लोगों की मौत हो रही है। इसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस की मृत्युदर 3.31 फीसदी दर्ज की गई है, लेकिन इसी आबादी पर देश में अस्पतालों की संख्या देखें तो वह 51 है। जबकि बिस्तरों की संख्या 1403 है। ऐसे में मरीजों की बढ़ती संख्या के लिहाज से अंति संवेदनशील राज्यों में और भी ज्यादा प्रयास होने चाहिए।
राज्य |
कोविड मौत |
मृत्युदर |
अस्पताल |
बेड |
दिल्ली |
106 |
3.94 |
10 |
2133 |
महाराष्ट्र |
47.16 |
4.77 |
26 |
1901 |
गुजरात |
24.57 |
6.20 |
22 |
1001 |
तमिलनाडु |
8.10 |
1.19 |
32 |
2013 |
मध्यप्रदेश |
5.81 |
4.26 |
12 |
774 |
जम्मू कश्मीर |
5.27 |
1.28 |
12 |
594 |
पश्चिम बंगाल |
5.25 |
4.07 |
23 |
1151 |
तेलंगना |
5.01 |
3.24 |
106 |
2567 |
यूपी |
2.09 |
3.09 |
73 |
1206 |
उत्तराखंड |
2.33 |
1.24 |
116 |
2140 |
हरियाणा |
4.82 |
1.45 |
77 |
1301 |
(मृत्युदर के आंकड़ें फीसदी में)
सार
- बेहद गंभीर स्थिति वाले आठ जिलों में दिल्ली और गाजयाबाद भी है शामिल
- इन जिलों में जांच का दायरा बढ़ाने के लिए एंटीजन किट्स पर ध्यान देने के निर्देश
- जिन राज्यों में सबसे खराब हालात, वहां अस्पताल और बिस्तर हैं काफी कम
- इन राज्यों में रेलवे कोच की मदद लेने पर काम हो चुका है शुरू
विस्तार
कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार लगातार अति संवदेनशील राज्यों की स्थिति पर निगरानी कर रही है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने कोविड जांच को लेकर 72 जिलों की सूची तैयार की है जहां सबसे कम कोरोना वापयरस की जांच हो रही है।
इनमें से आठ जिले ऐसे हैं जहां ज्यादात्तर 10 लाख की आबादी पर 500 से कम लोगों की कोरोना जांच हो रही है। इनमें दिल्ली का एक जिला भी शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन जिलों में कोविड जांच को बढ़ाने के लिए एंटीजन किट्स का ज्यादा इस्तेमाल करने के निर्देश भी दिए हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इन स्थिति को लेकर चर्चा की गई है। इस दौरान कोरोना वायरस की वृद्घि दर में लगातार गिरावट होने की जानकारी दी गई। साथ ही अति संवेदनशील राज्य व जिलों को अलर्ट पर रहने और प्रयासों को बढ़ाने के लिए भी कहा गया।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए बताया कि अभी तक औसतन रोजाना देश की राजधानी में चार से साढ़े चार हजार सैंपल की जांच हो रही थी लेकिन एंटीजन किट्स के जरिए यह आंकड़ा 20 हजार पहुंच चुका है। दिल्ली में बीते बृहस्पतिवार को पहली बार एक दिन में 20 हजार लोगों की जांच हुई है।
इसलिए बाकी अति संवदेनशील राज्यों को भी एंटीजन जांच पर ध्यान बढ़ाने के लिए कहा है। दरअसल देश में शुक्रवार तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 3.80 लाख से अधिक हो चुकी है। इनमें से करीब 94 फीसदी मामले बीते 15 जून तक 15 राज्यों में मिल चुके हैं। इन राज्यों में 40 जिले ऐसे हैं जहां से 70 फीसदी मरीज अब तक सामने आए हैं। जबकि 28 जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा मरीज मिले हैं।
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस से 82 फीसदी मौतें महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल में दर्ज की जा चुकी हैं। इन अति संवेदनशील राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जल्द पहचान, आइसोलेशन और मरीज के संपर्क में आने वालों की जल्द से जल्द पहचान को लेकर प्रयासों में तेजी लाने की सलाह भी दी गई है।
जहां जांच सबसे कम, वहां संक्रमित सैंपल दर भी ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बीते 13 जून तक जिलावार समीक्षा करने पर पता चला है कि 10 लाख की आबादी पर नासिक में 374, सोलापुर में 414, रायगढ़ में 622, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 417, सूरत में 440, वड़ोदरा में 528, गाजियाबाद में 447 और पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला में 539 सैंपल की जांच हो रही है।
जबकि इन जिलों में संक्रमित सैंपल मिलने की दर 7 फीसदी से अधिक है। सबसे कम उत्तर 24 परगना में यह दर 7.5 फीसदी दर्ज की गई है। जबकि उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला में यह सर्वाधिक 57.1 फीसदी दर मिली है। कोरोना वायरस की जांच को लेकर 10 लाख की आबादी पर राष्ट्रीय औसत 731 है। ऐसे में संक्रमण प्रभावित जिलों में जांच की गति को जल्द से जल्द बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
अंतिसंवेदनशील राज्यों में अस्पताल-बेड भी कम
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 और कोविड की वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ रीजो एम जॉन बताते हैं कि जिन राज्यों में कोरोना वायरस के अब तक 500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही संक्रमण के लिहाज से जिन्हें अतिसंवेदनशील माना जा रहा है, वहां अस्पताल और बिस्तरों की संख्या बेहद कम है।
देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस से औसतन 9.31 लोगों की मौत हो रही है। इसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस की मृत्युदर 3.31 फीसदी दर्ज की गई है, लेकिन इसी आबादी पर देश में अस्पतालों की संख्या देखें तो वह 51 है। जबकि बिस्तरों की संख्या 1403 है। ऐसे में मरीजों की बढ़ती संख्या के लिहाज से अंति संवेदनशील राज्यों में और भी ज्यादा प्रयास होने चाहिए।
10 लाख की आबादी पर राज्यों में कोरोना, अस्पताल, बेड की स्थिति
राज्य |
कोविड मौत |
मृत्युदर |
अस्पताल |
बेड |
दिल्ली |
106 |
3.94 |
10 |
2133 |
महाराष्ट्र |
47.16 |
4.77 |
26 |
1901 |
गुजरात |
24.57 |
6.20 |
22 |
1001 |
तमिलनाडु |
8.10 |
1.19 |
32 |
2013 |
मध्यप्रदेश |
5.81 |
4.26 |
12 |
774 |
जम्मू कश्मीर |
5.27 |
1.28 |
12 |
594 |
पश्चिम बंगाल |
5.25 |
4.07 |
23 |
1151 |
तेलंगना |
5.01 |
3.24 |
106 |
2567 |
यूपी |
2.09 |
3.09 |
73 |
1206 |
उत्तराखंड |
2.33 |
1.24 |
116 |
2140 |
हरियाणा |
4.82 |
1.45 |
77 |
1301 |
(मृत्युदर के आंकड़ें फीसदी में)
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जहां जांच सबसे कम, वहां संक्रमित सैंपल दर भी ज्यादा
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