कोरोना जांच करता स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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सार
- केंद्र ने 50 हजार एंटीजन टेस्ट किट सौंपी, कोरोना जांच में आएगी तेजी
- गुरुवार से एक दिन में हो रहे 11 हजार टेस्ट, शनिवार से होंगे 18 हजार
- केंद्र के कठोर निर्देश के बाद कोरोना जांच में आई तेजी,
विस्तार
एंटीजन टेस्ट में जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, उन्हें कोरोना संक्रमित मानकर इलाज किया जायेगा, जबकि जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी, कंफर्म करने के लिए उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किया जायेगा। शनिवार से दिल्ली में 18 हजार टेस्ट रोज किये जायेंगे।
क्या है एंटीजन टेस्ट
इसे एंटीबॉडी कहते हैं। किसी के रक्त में एंटीबॉडी के मिलने का अर्थ यह माना जाता है कि वह व्यक्ति संबंधित बीमारी से संक्रमित हो चुका है।
कोरोना के शुरुआती काल में इसे खूब अपनाया गया, लेकिन इसकी रिपोर्ट में बड़ी गलतियां सामने आने लगीं। इसके लिए चीन से आई एंटीबॉडी टेस्ट किट्स को भी जिम्मेदार बताया गया।
यही कारण है कि बाद में इस टेस्ट को रोक दिया गया।
हालांकि, शरीर में एंटीबॉडी बनने में भी ज्यादा समय लगता है। एंटीबॉडी बनने से पहले सैंपल लेने से रिपोर्ट गलत आ सकती है। किसी अन्य बीमारी के कारण भी यह शरीर में पैदा हो सकता है जिसके कारण इसकी रिपोर्ट में गड़बड़ी हो सकती है।
लेकिन एंटीजन टेस्ट बिलकुल अलग प्रकार से काम करता है। यह रोग प्रतिरोधी क्षमता जांचने की बजाय यह जांचने का काम करता है कि क्या शरीर में वायरस पहुंच गया है?
आरटी-पीसीआर (RT-PCR Test) की तरह यह सीधे कोरोना वायरस की ही पहचान पर आधारित है, जिसके कारण इससे ज्यादा सही परिणाम मिलते हैं।
एंटीजन टेस्ट सैंपल लेने के एक घंटे के अंदर ही किये जाने चाहिए। यही कारण है कि इसे ऑन साइट या उस एरिया में ही जाकर किया जाएगा जहां लोगों की जांच करनी है।
इस दौरान इस टेस्ट किट को 2 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में ही रखा जाता है जिससे इसके परिणाम में कोई गड़बड़ी न हो। परिणाम आने में 15 से 30 मिनट का समय लग जाता है।
इस कारण से यह तेजी से चेकिंग करने में बहुत उपयोगी है।
जबकि आरटी-पीसीआर टेस्ट करने के लिए सैंपल लेकर कोरोना टेस्ट लैब के लिए भेजा जाता है। सैंपल लेने से लैब तक पहुंचने के समय के आलावा इस जांच में 2 से 5 घंटे तक का समय लग जाता है। इसमें ज्यादा समय लगता है यही कारण है कि फास्ट ट्रेकिंग के मामले में यह कम उपयोगी है।
साउथ कोरिया की कम्पनी एसडी बायोसेंसर (S D Biosensor) एंटीजन टेस्ट किट्स बनाएगी। कंपनी का एक प्लांट मानेसर में है। अ
मेरिका और जापान ने भी अपने यहां एंटीजन टेस्ट को मान्यता दे रखी है। अमेरिका की संस्था FDA ने एंटीजन टेस्ट सोफिया 2 सार्स एंटीजन एफआईए (Sofia 2 SARS Antigen FIA) को अनुमति दी है।
इसके आलावा जापान ने अपने देश की कंपनी फुजिरेबियो इंक के एंटीजन टेस्ट को मान्यता दी है।
विशेषज्ञ ने बताया
अगर वहां कोरोना वायरस होता है तो एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है।
लेकिन इस टेस्ट की भी अपनी सीमाएं हैं। रिपोर्ट के सही या गलत होने के पीछे इसके परिणाम की उच्च गुणवत्ता महत्वपूर्ण होती है।
अगर यह सही नहीं हुआ तो एंटीजन टेस्ट से भी गलत परिणाम मिल सकता है। हालांकि, मलेरिया जैसे रोगों के मामले में यह बेहद सटीक ढंग से काम करता है।
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