न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 17 Jun 2020 10:24 PM IST
पर्यावरण पखवाडे में पेड़ लगाता बच्चा
– फोटो : social media
ख़बर सुनें
इस परिस्थिति में पीपल बाबा देश के 18 राज्यों के 202 जिलों में 14500 स्वयंसेवकों की मदद से 2 करोड़ से ज्यादे पेड़ लगा चुके हैं। पीपल बाबा ने 43 सालों से घटते पेड़ों को बढ़ाने के लिए जबरदस्त मुहीम छेड़ रखी है। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए पीपल बाबा ने 15 दिवसीय (1 जून से 15 जून तक ) पर्यावरण पखवाड़े में देश में 40 % पेड़ों का हिस्सा प्राप्त करनें के लिए 4 बड़ी बातें लागू करनें की अपील की है।
पीपल बाबा का कहना है कि देश में श्वेत क्रांति, हरित क्रांति के तर्ज पर हरियाली क्रांति चलाई जानी चाहिए लेकिन हरियाली क्रांति में लोक भागीदारी हो इसे लोगों के संस्कार से जोड़ा जाए इसके लिए पीपल बाबा नें कई सुझाव दिए हैं :मौलिक कर्तव्यों में हर नागरिक को पेड़ लगाने की बात को जोड़ा जाना।
स्वच्छ पर्यावरण का मौलिक अधिकार हमें संविधान देता है और समय समय पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण भी इसकी वकालत करता रहा है। हमें पर्यावरण के मामले में अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों पर ज्यादा जोर देनें की जरूरत है । जैसे सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर संविधान के 42वें संशोधन (1976 ई) के द्वारा मौलिक कर्तव्य को संविधान में जोड़ा गया। अब पीपल बाबा नें भारत सरकार से यह मांग की है कि मौलिक कर्तव्य नंबर 7 – नागरिक प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे में पर्यावरण संवर्धन हेतु हर साल एक पेड़ लगाकर उनके देखभाल करनें की बात को अनिवार्य किया जाए।
सिटीजन एनवायरनमेंट रेस्पोंसिबिलिटी
जैसे सी एस आर एक्ट -2013 के मुताबिक देश के बड़े औधोगिक घरानों को उनके कमाई के 2 % भाग को सामजिक कार्यों में खर्च करने के लिए अनिवार्य बना दिया गया था और देश के औधोगिक घरानों और समूहों नें सहर्ष स्वीकार किया था। वैसे ही देश के नागरिके लिए सिटीजन एनवायरनमेंट रेस्पोंसिबिलिटी तय की जाय कम से कम उन्हें साल भर में एक पेड़ लगाकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी जरूर दी जाए।
बंजर जमीनों में पेड़ लगाकर हरा भरा करना
बहुत से लोगों का कहना होता है कि हम पेड़ तो लगाना चाहते हैं लेकिन हमारे पास जमीन ही नहीं है ऐसे में देश की सरकारों को बंजर जमीनों को हरियाली केंद्र के रूप में विकसित करनें के लिए खोला जाए।
पर्यावरण पखवाड़े की संकल्पना को मजबूती देना
जैसे देश में हिंदी भाषा के विकास के लिए पर्यावरण पखवाडा मनाया जाता है जिसमें सेमिनार, वेबिनर, निबन्ध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है वैसे ही पर्यावरण सप्ताह और पर्यावरण दिवस पर पर भी सेमिनार, वेबिनर, निबन्ध प्रतियोगिता ही कराई जाती है। सरकार को इसमें महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए जिसके अंतर्गत सरकार लॉक डाउन की तरह सभी को छुट्टी देकर पर्यावरण पखवाड़े में पेड़ लगवानें पेड़ लगाने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए हर साल 1 जून से 15 जून तक पर्यावरण पखवाड़े में देश के सभी नागरिक केवल और केवल पेड़ लगाए। पूरा पर्यावरण पखवाडा हरियाली क्रांति के लिए समर्पित किया जाए।
स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छ पर्यावरण की हिस्सेदारी हो
प्रधानमंत्री के द्वारा चलाये गए स्वच्छ भारत अभियान से देश के हर हिस्से के लोग जुड़े थे। साफ सफाई करते हुए तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी पर इन तस्वीरों में पेड़ लगाते हुए तस्वीरें भी दिखे, इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छ पर्यावरण का हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
Discussion about this post