India-China Border Dispute: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीटिक स्तर की बातचीत के बावजूद ड्रैगन ने एलएलसी पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। सूत्रों ने बताया कि चीन ने क्षेत्र में यथास्थिति में बदलाव किया है और अतिरिक्त सैनिकों को लाया गया है। इधर उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमें जमीन पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करना होगा। इसके बाद ही वो (चीन) बातचीत की टेबल पर आएंगे।
सूत्र ने बताया कि भारतीय सेना को जमीन पर स्थिति और आकलन के अनुसार कार्य करने के लिए आपातकालीन अधिकार दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना को दिल्ली से पूछे बिना जरूरत और नई स्थितियों के अनुसार वहां तैनाती के लिए आपातकालीन अधिकार दे दिए गए हैं। इससे सेना जमीन पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर सकती है।
सूत्रों ने ये भी संकेत दिए कि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर अगले दौर की बातचीत तभी हो सकेगी जब गलवान और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पैट्रोलिंग पॉइंट्स 14, 15 और 17 को मुक्त किया जाएगा। इससे पहले छह जून को XIV कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चुशूल-मोल्दो बॉर्डर प्वाइंट पर दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला कमांडर मेजर जनरल लियू लिन से मुलाकात की थी।
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सूत्रों ने कहा कि वो (चीनी सैन्य अधिकारी) वरिष्ट सैन्य स्तर (लेफ्टिनेंट जनरल) पर बातचीत के लिए तैयार दिखे। हालांकि हम वरिष्ठ सैन्य स्तर पर वार्ता के एक और दौर के लिए जाने से पहले 14, 15 और 17 को पैट्रोलिंग पॉइंट्स की मुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि सूत्र ने कहा कि सैन्य स्तर की बातचीत जारी रहेगी।
बीते शनिवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि गलवान क्षेत्र में मुक्ति शुरू हो गई है और दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने देहरादून में पत्रकारों को बताया कि दोनों पक्षों के बीच सैन्य वार्ता बहुत लाभदायक रही है और जैसे ही हम आगे बढ़ेंगे स्थिति में सुधार होगा।
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