राजकुमार राव की गर्लफ्रेंड पत्रलेखा से पहली बार मुलाकात एक विज्ञापन शूट के दौरान हुए थी। इस पहली मुलाकात में ही राजकुमार राव को पत्रलेखा से प्यार में हो गया था। यही नहीं राजकुमार राव ने पत्रलेखा उर्फ अन्विता पॉल से उस पहली मुलाकात में ही शादी करने का विचार भी बना लिया था। और फिर साल 2014 में सिटी लाइट फिल्म साथ में करने के बाद दोनों के प्यार में और गाढ़ापन आ गया। दोनों खुलकर मीडिया के सामने अपने रिश्ते को कबूल किया।
बता दें, पत्रलेखा को जन्मदिन पर बधाई देते हुए राजकुमार राव ने एक संदेश में लिखा था, ‘मुझे आज भी याद है जब पहली बार आपको एक विज्ञापन शूट में देखा और सोचता रह गया। मैं दुआ करता था कि एक दिन इस लड़की से मिलूंगा। भाग्यवश या कहें जैसा कायनात चाहती थी, मेरी इच्छा के अनुसार, मैं आपको एक एक महीने बाद मिला। इतने वर्षों के साथ के बाद भी लगता है, ऐसा महसूस होता है कि हम अभी मिले हैं। आप दुनिया की सबसे सुंदर और सशक्त लड़की हो। आओ मिलकर और शानदार यादें बनाएं।’
दिल्ली होते हुए गुरुग्राम से मुंबई तक का सफर
हरियाणा के गुरुग्राम में पैदा हुए राजकुमार राव का दसवीं क्लास में ही अभिनय का जज्बा पैदा हो गया था। चूंकि राजकुमार का पूरा परिवार ही फिल्मों का दीवाना था लिहाजा राजकुमार की एक्टिंग की तरफ दिलचस्पी धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी और गुरुग्राम से निकल कर वे दिल्ली चले आए। राजकुमार ने मंडी हाउस के श्रीराम सेंटर से 2 साल का एक्टिंग में डिप्लोमा किया। तो वहीं आत्माराजम कॉलेज से आर्ट में ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद वे अपने अभिनय को बारीकियों से तराशने के लिए FTTI का रुख कर लिया।
संघर्ष के दिनों में दोस्तों संग खाना शेयर करते थे
फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे से एक्टिंग में कोर्स करने के बाद राजकुमार राव साल 2008 में मुंबई चले आए। यहां करीब एक साल तक राजकुमार राव को काफी संघर्स करना पड़ा। यहां तक की कई बार खाने के पैसे नहीं होने की वजह से दोस्त के साथ खाने को शेयर किया करते।
बदलनी पड़ी नाम की स्पेलिंग और सरनेम
संघर्ष के दिनों में उनकी मां राजकुमार को एक ज्योतिषी सलाह दी। उनकी मां का ज्योतिष में काफी विश्वास होता था। उन्होंने राजकुमार को अपने नाम में बदलाव करने को कहा। मां ने इसके लिए न्यूमेरोलॉजिस्ट से बात की थी। तब वे Rajkumar से Rajkummar लिखने लगे। यही नहीं राजकुमार को उनकी मां ने सरनेम भी बदलने को कहा। और फिर राजकुमार यादव से वे राजकुमार राव बन गए।
राजकुमार की मेहनत रंग लाई। और साल 2009 में निर्देशक दिबाकर बनर्जी की फिल्म लव, सेक्स और धोखा का हिस्सा बन गए। राजकुमार ने बताया था कि वे फिल्म के विज्ञापन को देख दिबाकर के ऑफिस पहुंचे थे और करीब 4-5 राउंड के ऑडिशन के बाद उन्हें फिल्म के लिए कास्ट कर लिया गया। फिल्म 2010 में रिलीज हुई थी। राजकुमार राव ने फिर यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा। एकता कपूर की रागिनी एमएमएस से होते हुए शैतान, गैंग ऑफ वासेपुर 2, काई पो चे, शाहिद, न्यूटन जैसी फिल्मों ने उन्हें एक अलग पहचान दी। शाहिद के लिए राजकुमार राव को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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