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यूपी के महोबा ओर हमीरपुर जिले में पाकिस्तानी टिड्डियों का दल अभी भी बुंदेलखंड के कई जिलों में किसानों के लिए खौफ का कारण बना हुआ है। ये टिड्डी दल किसी दिन झांसी तो कभी ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन और हमीरपुर में पहुंचकर किसानों की फसलों को चट करने की कोशिश करता है।
शनिवार को पाक टिड्डियों का दल हमीरपुर और महोबा में धावा बोला। महोबा में पांच दिनों से टिड्डी दल ने डेरा जमा रखा है। यहां कृषि विभाग ने रासायनिक दवाओं का छिड़काव कर हजारों टिड्डियों को मार डाला। हमीरपुर में भी ग्रामीणों ने थाली, ढोल बजाकर और शोरशराबा कर टिड्डियों को मध्यप्रदेश की ओर भगा दिया।
यह तो गनीमत है कि फिलहाल 90 फीसदी खेत खाली पड़े हैं, वरना जिस प्रकार से लाखों की संख्या में टिड्डियां आसमान में मंडराती हैं, उससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता था। महोबा में पाकिस्तानी टिड्डियों का दल पिछले पांच दिनों से लाखों की संख्या में डेरा जमाए हुए हैं।
टिड्डियों के रोजाना एक गांव से दूसरे गांव में पहुंचने के चलते वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी खासे परेशान हैं। टिड्डी दल ने शनिवार को चरखारी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम स्वासामाफ, इटवा और सालट गांव में पेड़ों पर डेरा जमाया। टिड्डियों के पहुंचने की सूचना पर ग्रामीण खेतों में बोई गई सब्जी की फसल समेत मूंग-उर्द को बचाने को थाली, तसले संग पहुंचे और शोरशराबा कर भगाने की कोशिश करने लगे।
तीन गांव में टिड्डियों के पहुंचने की सूचना पर पहुंचे उप निदेशक कृषि जीराम ने फायर ब्रिगेड कर्मियों की मदद से पेड़ों पर रासायनिक दवाओं का छिड़काव कराया, जिससे हजारों टिड्डियां मौके पर ही मर गईं। वहीं रासायनिक के छिड़काव से बची भारी संख्या में टिड्डियां दूसरे गांव की ओर चली गईं।
बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर के समीप भी करीब एक घंटे तक हजारों की संख्या में टिड्डी दल मंडराता रहा। टिड्डी दल को देखने को भीड़ जमा हो गई। उप निदेशक कृषि ने बताया कि टिड्डी दल कई दिनों से एक के बाद एक गांव को निशाना बना रहे, लेकिन टीम के सक्रिय होने से किसानों को नुकसान नहीं हुआ है।
उधर, झांसी के गरौठा क्षेत्र से अनुकूल हवा संग सुबह लाखों टिड्डियों का दल राठ क्षेत्र के कुछेछा से दाखिल हुआ। कुछ समय के अंतराल में टिड्डी दल ने गोहानी, बरेल, मुस्कराखुर्द, देवरा, इटौरा, बकरई गांव को चपेट में ले लिया। गोहानी गांव के राजेंद्र कुमार ने बताया उसके बाग में फलदार पेड़ों की पत्तियों को टिड्डियों ने चट कर दिया।
इसके बाद बसेला, पहाड़ी, नौहाई होते हुए औंडे़रा गांव टिड्डी दल पहुंचा। खेत खाली होने से किसानों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। खेतों में खड़ी गन्ने की फसल को ही मामूली नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने थाली, गिलास, कटोरी आदि बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाया।
कुछ किसानों ने मोबाइल से बूफर कनेक्ट कर खेतों में शोर किया। टिड्डियों के हमले के दौरान किसानों में खासी सतर्कता देखी गई। जिला कृषि अधिकारी डा. सरस कुमार तिवारी ने बताया कि टिड्डी दल महोबा से मध्यप्रदेश के छतरपुर की ओर निकल गया है। कहा कि कहीं भी ज्यादा देर तक न रुकने पर नुकसान नहीं कर पाईं।
चित्रकूट के बरौंधा से टिड्डी दल मैहर पहुंचा
चित्रकूट जिले की सीमा बरौंधा क्षेत्र में घूमने वाले टिड्डी दल तेज हवा के चलते मध्यप्रदेश के सतना होते हुए मैहर क्षेत्र में पहुंच गया। एक टिड्डी दल छतपुर क्षेत्र में है, जिससे जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। कृषि रक्षा अधिकारी धर्मेेेंद्र अवस्थी ने बताया कि जिले के भरतकूप क्षेत्र में दो दिनों से टिड्डियों का एक बड़ा दल घूम रहा था। कई किसानों की फसल भी नष्ट किया था। शनिवार को हवा का रुख बदलने से मध्यप्रदेश की ओर चला गया।
यूपी के महोबा ओर हमीरपुर जिले में पाकिस्तानी टिड्डियों का दल अभी भी बुंदेलखंड के कई जिलों में किसानों के लिए खौफ का कारण बना हुआ है। ये टिड्डी दल किसी दिन झांसी तो कभी ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन और हमीरपुर में पहुंचकर किसानों की फसलों को चट करने की कोशिश करता है।
शनिवार को पाक टिड्डियों का दल हमीरपुर और महोबा में धावा बोला। महोबा में पांच दिनों से टिड्डी दल ने डेरा जमा रखा है। यहां कृषि विभाग ने रासायनिक दवाओं का छिड़काव कर हजारों टिड्डियों को मार डाला। हमीरपुर में भी ग्रामीणों ने थाली, ढोल बजाकर और शोरशराबा कर टिड्डियों को मध्यप्रदेश की ओर भगा दिया।
यह तो गनीमत है कि फिलहाल 90 फीसदी खेत खाली पड़े हैं, वरना जिस प्रकार से लाखों की संख्या में टिड्डियां आसमान में मंडराती हैं, उससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता था। महोबा में पाकिस्तानी टिड्डियों का दल पिछले पांच दिनों से लाखों की संख्या में डेरा जमाए हुए हैं।
टिड्डियों के रोजाना एक गांव से दूसरे गांव में पहुंचने के चलते वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी खासे परेशान हैं। टिड्डी दल ने शनिवार को चरखारी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम स्वासामाफ, इटवा और सालट गांव में पेड़ों पर डेरा जमाया। टिड्डियों के पहुंचने की सूचना पर ग्रामीण खेतों में बोई गई सब्जी की फसल समेत मूंग-उर्द को बचाने को थाली, तसले संग पहुंचे और शोरशराबा कर भगाने की कोशिश करने लगे।
तीन गांव में टिड्डियों के पहुंचने की सूचना पर पहुंचे उप निदेशक कृषि जीराम ने फायर ब्रिगेड कर्मियों की मदद से पेड़ों पर रासायनिक दवाओं का छिड़काव कराया, जिससे हजारों टिड्डियां मौके पर ही मर गईं। वहीं रासायनिक के छिड़काव से बची भारी संख्या में टिड्डियां दूसरे गांव की ओर चली गईं।
बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर के समीप भी करीब एक घंटे तक हजारों की संख्या में टिड्डी दल मंडराता रहा। टिड्डी दल को देखने को भीड़ जमा हो गई। उप निदेशक कृषि ने बताया कि टिड्डी दल कई दिनों से एक के बाद एक गांव को निशाना बना रहे, लेकिन टीम के सक्रिय होने से किसानों को नुकसान नहीं हुआ है।
उधर, झांसी के गरौठा क्षेत्र से अनुकूल हवा संग सुबह लाखों टिड्डियों का दल राठ क्षेत्र के कुछेछा से दाखिल हुआ। कुछ समय के अंतराल में टिड्डी दल ने गोहानी, बरेल, मुस्कराखुर्द, देवरा, इटौरा, बकरई गांव को चपेट में ले लिया। गोहानी गांव के राजेंद्र कुमार ने बताया उसके बाग में फलदार पेड़ों की पत्तियों को टिड्डियों ने चट कर दिया।
इसके बाद बसेला, पहाड़ी, नौहाई होते हुए औंडे़रा गांव टिड्डी दल पहुंचा। खेत खाली होने से किसानों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। खेतों में खड़ी गन्ने की फसल को ही मामूली नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने थाली, गिलास, कटोरी आदि बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाया।
कुछ किसानों ने मोबाइल से बूफर कनेक्ट कर खेतों में शोर किया। टिड्डियों के हमले के दौरान किसानों में खासी सतर्कता देखी गई। जिला कृषि अधिकारी डा. सरस कुमार तिवारी ने बताया कि टिड्डी दल महोबा से मध्यप्रदेश के छतरपुर की ओर निकल गया है। कहा कि कहीं भी ज्यादा देर तक न रुकने पर नुकसान नहीं कर पाईं।
चित्रकूट के बरौंधा से टिड्डी दल मैहर पहुंचा
चित्रकूट जिले की सीमा बरौंधा क्षेत्र में घूमने वाले टिड्डी दल तेज हवा के चलते मध्यप्रदेश के सतना होते हुए मैहर क्षेत्र में पहुंच गया। एक टिड्डी दल छतपुर क्षेत्र में है, जिससे जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। कृषि रक्षा अधिकारी धर्मेेेंद्र अवस्थी ने बताया कि जिले के भरतकूप क्षेत्र में दो दिनों से टिड्डियों का एक बड़ा दल घूम रहा था। कई किसानों की फसल भी नष्ट किया था। शनिवार को हवा का रुख बदलने से मध्यप्रदेश की ओर चला गया।
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