टेलिकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। कोविड-19 के कारण घोषित देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से ओवरऑल मोबाइल रिचार्ज वॉल्यूम 35 फीसदी घटने का अनुमान है। लाखों मजदूर प्रभावित हुए हैं और ओवरऑल मोबाइल रिचार्ज वॉल्यूम में इनकी बड़ी हिस्सेदारी है। यह बात इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और एनालिस्ट्स ने कही है। इनका कहना है कि लॉकडाउन का लगभग 37 करोड़ फीचर फोन यूजर बेस की आधी संख्या पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, इसमें सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर शामिल हैं जो अपना फोन रिचार्ज नहीं करा सके हैं। मार्केट ट्रैकर्स के मुताबिक बेसिक फोन यूजर बेस में कुछ 8.5-9 करोड़ रिलायंस जियो 4G VoLTE भी शामिल हैं।
कंपनियों ने बढ़ाई रिचार्ज प्लान की वैलिडिटी
देश में 115 करोड़ मोबाइल फोन सब्सक्राइबर बेस का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा प्रीपेड सब्सक्राइबर्स का है, जिन्हें लगातार कनेक्टिविटी के लिए समय-समय पर सब्सक्रिप्शन रिचार्ज कराना होता है। 14 अप्रैल तक लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान रिचार्ज कराने में प्रवासी मजदूरों की परेशानी को देखते हुए एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने प्लान की वैलिडिटी को 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुकानों के जरिए होने वाले रिचार्ज की संख्या न के बराबर रह गई है क्योंकि लोग फोन रिचार्ज कराने के लिए नजदीकी किराना स्टोर या मोबाइल स्टोर पर नहीं जा पा रहे हैं। इससे टेलीकॉम कंपनियों के मंथली न्यू यूजर की संख्या में भी भारी गिरावट आई है। इसके अलावा ओवरऑल मोबाइल रिचार्ज में एक तिहाई हिस्सेदारी रखने वाले डिजिटल रिचार्ज भी घटा है।
कंपनियों को हो सकता है 15 करोड़ का नुकसान
इंडस्ट्री के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव के अनुमान के मुताबिक देश के लगभग 50 पर्सेंट फीचर फोन यूजर्स के रिचार्ज कराने में अक्षम होने की वजह से ‘मौजूदा लॉकडाउन की अवधि में तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है क्योंकि ये अप्रवासी मजदूर छोटे प्लान से ही रिचार्ज कराते हैं।’ हालांकि एनालिस्टों का मानना है कि मोबाइल रिचार्ज में भारी गिरावट के कारण वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया के रेवेन्यू पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि लॉकडाउन मार्च के चौथे हफ्ते से शुरू हुआ था।
उन्हें यह भी उम्मीद है कि मार्च तिमाही में इन कंपनियों की कमाई में जो घाटा हुआ है, उसकी भरपाई दिसंबर 2019 में टैरिफ हाइक और इस समय डेटा यूसेज में उछाल आने से हो जाएगी। लेकिन उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो ऐसा नहीं होगा। SBI कैप सिक्योरिटीज में रिसर्च हेड राजीव शर्मा ने ईटी को बताया, ‘अगर लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी जारी रहता है तो जून में इसके चलते एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और जियो के रेवेन्यू पर असर पड़ेगा। इन कंपनियों की कमाई पर कितना असर होगा, इसके आंकड़े तत्काल हमारे पास नहीं हैं।’
हालांकि, उन्होंने कहा कि जून तिमाही में जियो की आमदनी में संभावित कमी अन्य कंपनियों की तुलना में कम होगी क्योंकि उसके 9 करोड़ फीचर फोन यूजर के पास 4G है। अगर लॉकडाउन आगे बढ़ता है तो इनमें से ज्यादातर एयरटेल और वोडा आइडिया के 2जी यूजर की तुलना में ऑनलाइन डिजिटल रिचार्ज में जल्दी शिफ्ट कर लेंगे।
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