बिहार में रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार की जनता को संबोधित किया।
बिहार जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियों और बिहार सरकार के कामों से जनता को अवगत कराया। अपने संबोधन के दौरान शाह ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा और उन्हें तमाम मुद्दों पर घेरा।
शाह ने रेली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं। दिल्ली में पार्टी कार्यालय में बनाए गए मंच पर पहुंचने से पहले अमित शाह ने हाथों को सैनिटाइज किया। पटना में मौजूद नेताओं ने शाह का जोरदार स्वागत किया।
शाह ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा ‘मैं उन करोड़ों कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहता हूं जो अपनी जान जोखिम में डालकर वायरस से लड़ रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस कर्मी और अन्य, मैं उनके योगदान को स्वीकार करना चाहता हूं।
रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है। कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। मैं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बधाई देता हूं कि 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया है। ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है:
बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। शाह ने बिहार में विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा ‘आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर मोदी जी की अपील को उन्होंने माना।
भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर
शाह ने कहा कि 2014 में मोदी जी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है।
शाह ने कहा ‘आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी जी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरु की।’
लालटेन का जमाना चला गया
अमित शाह ने कहा ‘पीएम मोदी की सरकार ने 50 करोड़ लोगों को आय़ुष्मान योजना भारत के तहत मुफ्त बीमा दिया। एक करोड़ लोग मुफ्त में अपना इलाज करा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर मिला। हर दिन उनके शरीर में 400 सिगरेट के बराबर धुआं जाता था और बीमारी का शिकार होती थीं। 2.5 करोड़ लोगों को सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाया गया। आजादी के 70 साल बाद भी 20 हजार लोगों के घर में अंधेरा था। लालटेन जलानी पड़ती थी। लालटेन का जमाना चला गया यह एलईडी का जमाना है।
घर में घुसकर मारा
एक जमाना था कि हमारी सरहदों में कोई घुस जाता था। सीमा से छेड़खानी करता था, जवानों के सिर काट लेते थे और दिल्ली में उफ्फ तक नहीं होती थी। हमारे समय में उड़ी हुआ, पुलवामा हुआ। मोदी की सरकार थी, कुछ ही दिनों में सर्जिकल स्ट्राइक और एयरएस्ट्राइक करके घर में घुसकर मारा। दुनिया ने माना कि अमेरिका और इस्रायल के बाद कोई देश अपनी सीमा की रक्षा को सक्षम है तो वह भारत है। पीएम मोदी ने देश की सीमा को सुरक्षित किया। कई ऐसे काम किए जिससे दुनिया में सम्मान मिला।
शाह ने कहा कि मोदी जी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की। आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते।
मोदी जी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है।
जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया। चाहे मोदी जी ने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब मोदी जी की अपील ही थी।
बिहार की जनता को संंबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश का कोई भी कोना हो, उसके विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक है। जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वो प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं।
शाह ने कहा ‘बहुत से लोग गुमराह कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता और प्रवासी मजदूर इन बातों से अपने को अलग रखें। पूरा देश आपका सम्मान करता हूं। आज इस मंच से कहना चाहता हूं देश का कोई हिस्सा हो, जो विकसित है इसकी नींव में जाएंगे तो बिहार के प्रवासी मजदूरों के पसीने की महक है।
बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है। जो लोग अपमानित करते हैं उनको मालूम नहीं है कि बिहार के मजदूरों का जज्बा क्या है। वे नहीं जानते हैं कि मोदी जी ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कितना काम किया। जब से कोरोना की बीमारी आई तो पीएम ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि जहां भी प्रवासी मजदूर हैं उनके लिए व्यवस्था की जाए। केंद्र सरकार ने इसके लिए तुरंत 11 हजार करोड़ रुपए दिए।
‘एक देश-एक राशन कार्ड’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतीश जी और सुशील जी दोनों प्रसिद्धि करने में थोड़े से कच्चे हैं। वो रोड पर खड़े होकर थाली नहीं बजाते हैं, वो चुपचाप सहायता के लिए काम करने वाले लोग हैं। नितीश जी और सुशील जी के नेतृत्व में बिहार सरकार ने बहुत अच्छे से ये लड़ाई लड़ी है।
मोदी जी ने अभी-अभी गत कैबिनेट में निर्णय लिया की ‘एक देश-एक राशन कार्ड’। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं। इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों वहां से ले सकेंगे।
शाह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया गया है। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटीन की व्यवस्था की गई।
लालटेन युग से एलईडी युग तक आए हैं
शाह ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए कहा ‘बिहार में हम लालटेन युग से एलईडी युग तक आए हैं। लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक की यात्रा हमने की है। जंगल राज से जनता राज तक हम आए हैं। बाहुबल से विकास बल तक आए हैं और चारा घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा मोदी जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक तय की है।
संबोधन के अंत में शाह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा ‘मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि ये मोदी जी का आहृवान है कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई चल रही है तब तक ‘सेवा ही हमारा संगठन’ है। इस मंत्र के साथ हर जरूरतमंद की सेवा करें, जागरूक करें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली है जिसे लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने बर्तन बजाकर विरोध किया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भी अपनी विरोध दर्ज किया।
इसके अलावा पटना में विभिन्न स्थानों पर सात जून, 2020 को श्रद्धांजलि दिवस बताने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर में लिखा है- ‘वर्चुअल से एक्चुअल मुद्दों का एनकाउंटर।’
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कुछ राजनैतिक दल केवल पीएम मोदी और भाजपा का विरोध ही करते हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में जब थालियां बजाने के लिए कहा था तो उसका विरोध किया था। आज गरीबों के अधिकार के लिए खुद थालियां बजा रहे हैं।
बिहार में रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार की जनता को संबोधित किया।
बिहार जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियों और बिहार सरकार के कामों से जनता को अवगत कराया। अपने संबोधन के दौरान शाह ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा और उन्हें तमाम मुद्दों पर घेरा।
शाह ने रेली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं। दिल्ली में पार्टी कार्यालय में बनाए गए मंच पर पहुंचने से पहले अमित शाह ने हाथों को सैनिटाइज किया। पटना में मौजूद नेताओं ने शाह का जोरदार स्वागत किया।
शाह ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा ‘मैं उन करोड़ों कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहता हूं जो अपनी जान जोखिम में डालकर वायरस से लड़ रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस कर्मी और अन्य, मैं उनके योगदान को स्वीकार करना चाहता हूं।
रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है। कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। मैं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बधाई देता हूं कि 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया है। ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है:
बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। शाह ने बिहार में विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा ‘आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर मोदी जी की अपील को उन्होंने माना।
भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर
शाह ने कहा कि 2014 में मोदी जी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है।
शाह ने कहा ‘आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी जी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरु की।’
लालटेन का जमाना चला गया
अमित शाह ने कहा ‘पीएम मोदी की सरकार ने 50 करोड़ लोगों को आय़ुष्मान योजना भारत के तहत मुफ्त बीमा दिया। एक करोड़ लोग मुफ्त में अपना इलाज करा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर मिला। हर दिन उनके शरीर में 400 सिगरेट के बराबर धुआं जाता था और बीमारी का शिकार होती थीं। 2.5 करोड़ लोगों को सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाया गया। आजादी के 70 साल बाद भी 20 हजार लोगों के घर में अंधेरा था। लालटेन जलानी पड़ती थी। लालटेन का जमाना चला गया यह एलईडी का जमाना है।
घर में घुसकर मारा
एक जमाना था कि हमारी सरहदों में कोई घुस जाता था। सीमा से छेड़खानी करता था, जवानों के सिर काट लेते थे और दिल्ली में उफ्फ तक नहीं होती थी। हमारे समय में उड़ी हुआ, पुलवामा हुआ। मोदी की सरकार थी, कुछ ही दिनों में सर्जिकल स्ट्राइक और एयरएस्ट्राइक करके घर में घुसकर मारा। दुनिया ने माना कि अमेरिका और इस्रायल के बाद कोई देश अपनी सीमा की रक्षा को सक्षम है तो वह भारत है। पीएम मोदी ने देश की सीमा को सुरक्षित किया। कई ऐसे काम किए जिससे दुनिया में सम्मान मिला।
जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा
रैली में जाने से पहले हाथ सैनिटाइज करते अमित शाह
– फोटो : PTI
शाह ने कहा कि मोदी जी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की। आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते।
मोदी जी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है।
जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया। चाहे मोदी जी ने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब मोदी जी की अपील ही थी।
बिहार की जनता को संंबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश का कोई भी कोना हो, उसके विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक है। जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वो प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं।
शाह ने कहा ‘बहुत से लोग गुमराह कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता और प्रवासी मजदूर इन बातों से अपने को अलग रखें। पूरा देश आपका सम्मान करता हूं। आज इस मंच से कहना चाहता हूं देश का कोई हिस्सा हो, जो विकसित है इसकी नींव में जाएंगे तो बिहार के प्रवासी मजदूरों के पसीने की महक है।
बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है। जो लोग अपमानित करते हैं उनको मालूम नहीं है कि बिहार के मजदूरों का जज्बा क्या है। वे नहीं जानते हैं कि मोदी जी ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कितना काम किया। जब से कोरोना की बीमारी आई तो पीएम ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि जहां भी प्रवासी मजदूर हैं उनके लिए व्यवस्था की जाए। केंद्र सरकार ने इसके लिए तुरंत 11 हजार करोड़ रुपए दिए।
‘एक देश-एक राशन कार्ड’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतीश जी और सुशील जी दोनों प्रसिद्धि करने में थोड़े से कच्चे हैं। वो रोड पर खड़े होकर थाली नहीं बजाते हैं, वो चुपचाप सहायता के लिए काम करने वाले लोग हैं। नितीश जी और सुशील जी के नेतृत्व में बिहार सरकार ने बहुत अच्छे से ये लड़ाई लड़ी है।
मोदी जी ने अभी-अभी गत कैबिनेट में निर्णय लिया की ‘एक देश-एक राशन कार्ड’। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं। इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों वहां से ले सकेंगे।
शाह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया गया है। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटीन की व्यवस्था की गई।
लालटेन युग से एलईडी युग तक आए हैं
शाह ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए कहा ‘बिहार में हम लालटेन युग से एलईडी युग तक आए हैं। लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक की यात्रा हमने की है। जंगल राज से जनता राज तक हम आए हैं। बाहुबल से विकास बल तक आए हैं और चारा घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा मोदी जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक तय की है।
संबोधन के अंत में शाह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा ‘मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि ये मोदी जी का आहृवान है कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई चल रही है तब तक ‘सेवा ही हमारा संगठन’ है। इस मंत्र के साथ हर जरूरतमंद की सेवा करें, जागरूक करें।
राजद का विरोध
Amit Shah
– फोटो : PTI
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली है जिसे लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने बर्तन बजाकर विरोध किया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भी अपनी विरोध दर्ज किया।
इसके अलावा पटना में विभिन्न स्थानों पर सात जून, 2020 को श्रद्धांजलि दिवस बताने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर में लिखा है- ‘वर्चुअल से एक्चुअल मुद्दों का एनकाउंटर।’
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कुछ राजनैतिक दल केवल पीएम मोदी और भाजपा का विरोध ही करते हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में जब थालियां बजाने के लिए कहा था तो उसका विरोध किया था। आज गरीबों के अधिकार के लिए खुद थालियां बजा रहे हैं।
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