पिता का अस्तित्व उसकी संतान के लिए ब्रह्मांड से भी बड़ा है और सागर से भी गहरा है.
एक मां (Mother) बच्चे को जितना प्रेम करती है, उतनी ही चिंता पिता (Father) को भी अपने बच्चे की होती है. बस फर्क इतना होता है कि मां के प्रेम का पलड़ा भारी होता है और पिता के सुरक्षात्मक (Safety) रवैये का, जो कई बार बच्चों को कठोर सा लगने लगता है.
पिता खुदा की नेमत है,
पिता समझ का दरिया।
पिता से है छांव सिर पर, वह राहत का जरिया।।
ये पंक्तियां पिता के महान व्यक्तित्व के महत्व को रेखांकित करने में असमर्थ हैं, क्योंकि पिता का अस्तित्व उसकी संतान के लिए ब्रह्मांड से भी बड़ा है और सागर से भी गहरा है. उनके अनकहे शब्द भी खुद में कई शब्दों को समेटे हैं और उनकी हर एक बात में अनेक सबक हैं. पिता का होना एक ऐसी सुरक्षा का घेरा है जहां सबकुछ महफूज है.

कैसे पिता आपको स्कूल छोड़ने और लेने जाया करते थे और रास्ते में आपकी हर फरमाइश पूरी करते थे.
छोटी से छोटी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए जरूरतों से समझौता
अगर पिता के प्रेम को जानना चाहते हैं तो आप कितने भी बड़े क्यों न हो गए हों, एक बार अपने बचपन में लौट आइए और देखिए कि कैसे पिता ने आपको साइकिल चलाना सिखाया था, कैसे आपके हर उस सवाल का उन्होंने बड़े ही रोचक ढंग से जवाब दिया था जिन्हें अब सुनकर शायद चिढ़ जाते हैं और उनकी बात का जवाब देना जरूरी नहीं समझते. कैसे वे आपके सामने झुककर घोड़ा या हाथी बन जाया करते थे और आपकी मुस्कान से उनकी पीठ का वह दर्द भी गायब हो जाता था, जो आपके वजन के कारण हुआ था. कैसे आपकी हर छोटी से छोटी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वह अपनी जरूरतों से समझौता कर लिया करते थे.
आपकी हर फरमाइश पूरी करते
आपके होमवर्क और प्रोजेक्ट के लिए कैसे आपके साथ वह भी देर तक जागते और उसे पूरा करवाते थे, कैसे वे आपकी छोटी-सी सफलता को भी जहान की सबसे बड़ी खुशी के रूप में मनाते थे. कैसे वे आपको स्कूल छोड़ने और लेने जाया करते थे और रास्ते में आपकी हर फरमाइश पूरी करते थे. हर शाम ऑफिस से लौटते हुए कई बार, बिन मांगे ही वह आपकी पसंद की चीजें ले आया करते थे. उनके लिए केवल आपकी खुशी अनमोल थी. उनकी इस खुशी को किसी अलग तरीके से मनाने की जरूरत नहीं पड़ती. पिता को प्यार और सम्मान जताने के लिए किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन फादर्स डे पर आप अपने पिता के लिए कुछ खास तो कर ही सकते हैं.
अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया से जुड़ी है
आपको बता दें कि हर साल जून के तीसरे संडे (रविवार) को फदर्स डे मनाया जाता है. सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज ने फदर्स डे को एक अलग ही पहचान दे दी है. इस दिवस को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं पर उनमें से दो कहानियां बहुत ज्यादा मशहूर हैं. फादर्स डे की पहली कहानी अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया से जुड़ी है जहां 5 जुलाई 1908 को पहली बार फदर्स डे (Fathers Day) मनाया गया. कहा जाता है कि 6 दिसंबर 1907 को मोनोगांह के एक खान दुर्घटना में 210 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद ग्रेस गोल्डन क्लेटन ने एक विशेष दिवस का आयोजन किया गया. हालांकि यह स्मरण उत्सव वार्षिक छुट्टी न बन सका.

पड़ती. पिता को प्यार और सम्मान जताने के लिए किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन फादर्स डे पर आप अपने पिता के लिए कुछ खास तो कर ही सकते हैं.
पिता विलियम जैक्सन स्मार्ट ने उसका पालन-पोषण किया
दूसरी कहानी का संबंध सोनोरा स्मार्ट डॉड (Sonora Smart Dodd) से है जिन्होंने फादर्स डे मनाने का विचार दिया था. 1909 में सोनोरा स्मार्ट चर्च में मदर्स डे का उपदेश सुन रही थीं. उन्हें ये महसूस किया कि मां को हर तरह से सम्मान और प्रशंसा मिल रही है वहीं पिता के साथ ऐसा नहीं हो रहा जबकि वो भी बराबर के हकदार हैं. सोनोरा के पिता का नाम विलियम जैक्सन स्मार्ट था. सोनोरा का जब जन्म हुआ था तभी उनकी मां की मौत हो गई थी. जिसके बाद पिता विलियम जैक्सन स्मार्ट ने उसका पालन-पोषण किया. बड़ी होकर सोनोरा के दिमाग में ये विचार आया कि साल में एक दिन पिता के लिए भी होना चाहिए और उसी साल से इसे मनाने की शुरुआत हुई.
हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे
सोनोरा ने सबसे पहले 5 जून को पिता के जन्म दिवस पर फादर्स डे मनाने का प्रस्ताव दिया पर उसके बाद हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाना तय हुआ. दुनिया के कई देशों में अलग-अलग तारीखों पर इस दिवस को मनाया जाता है. अक्सर हम पिता से खुलकर अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाते. यह दिन हमें एक मौका देता है पिता का धन्यवाद, सम्मान और प्रशंसा करने का. लोग उन्हें उनका पसंदीदा उपहार देते हैं. ग्रीटिंग्स कार्ड्स दिए जाते हैं. बच्चे अपने पिता के लिए इस दिन को यादगार बनाने की कोशिश करते हैं. उनके साथ घूमने जाते हैं. उनके लिए पसंदीदा खाना बनाते हैं.
First published: June 21, 2020, 8:59 AM IST
Discussion about this post