प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : ANI
खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। ये आईसीसी का 95वां सालाना कार्यक्रम है। सरकार का लक्ष्य कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है। ये प्वाइंट आत्मनिर्भर भारत है।
लाइव अपडेट
11:51 AM, 11-Jun-2020
पीएम मोदी ने कहा कि गुरुवर टैगौर ने अपनी कविता ‘नूतोन जुगेर भोर’ में कहा है-
‘चोलाय चोलाय बाजबे जोयेर मेरी,
पाएर बेगेई पोथ केटे जाय कोरिश ना आर देरी’ यानी
‘हर आगे बढ़ने वाले कदम पर घोषनाद होगा।
दौड़ते पांव ही नया रास्ता बना देंगे।
अब देरी मत करो।’
11:50 AM, 11-Jun-2020
ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आजमाने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।
11:48 AM, 11-Jun-2020
देश में ही सोलर पैनल की मैन्युफैक्चरिंग, पावर स्टोरेज क्षमता बढाने के लिए बेहतर बटरी के R&D और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करें। जो इस काम में जुटे हैं, ऐसे संस्थानों की, एमएसएमई की हैंड होल्डिंग करें।
11:44 AM, 11-Jun-2020
पीपल सेंट्रिक, पीपल ड्रिवेन और प्लेनेट फ्रेंडली डेवलपमेंट की अप्रोच अब देश में शासन का हिस्सा बन गई है। आप ये जानते ही हैं कि GeM प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे सेल्फ हेल्प ग्रुप, एमएसएमई, सीधे भारत सरकार को अपने उत्पाद और अपनी सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं।
11:42 AM, 11-Jun-2020
भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है- देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का। इसमें लोग, प्लैनेट और प्रॉफिट तीनों ही विषय आते हैं। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। इससे आपके यहां जूट का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है।
11:38 AM, 11-Jun-2020
लोग, प्लैनेट और प्रॉफिट एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ये तीनों एक साथ विकास कर सकते हैं, एक साथ काम कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, इसे मैं आपको कुछ उदाहरण देकर समझाता हूं। जैसे एलईडी बल्ब। पांच से छह वर्ष पहले एक एलईडी बल्ब साढ़े तीन सौ रुपये से भी ज्यादा में मिलता था। आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपये बिजली के बिल में, एलईडी की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है।
11:37 AM, 11-Jun-2020
मैन्यूफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। हम हमेशा सुनते आए हैं ‘बंगाल जो आज सोचता है, वो भारत कल सोचता है।’ हमें इससे प्रेरणा लेते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।
11:36 AM, 11-Jun-2020
आप सभी नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत में इतने दशकों से काम कर रहे हैं। सरकार ने जो तमाम कदम उठाए हैं, इनका बहुत बड़ा लाभ पूर्व और उत्तर-पूर्व के लोगों को होगा। मैं समझता हूं कि कोलकाता भी खुद फिर से एक बहुत बड़ा लीडर बन सकता है।
11:36 AM, 11-Jun-2020
इसके साथ ही बांस और जैविक उत्पाद के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे। सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गैनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है। ऑर्गैनिक कैपिटल बन सकता है।
11:33 AM, 11-Jun-2020
स्थानीय उत्पाद के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर हैं। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
11:32 AM, 11-Jun-2020
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने उत्पाद, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आजादी मिल गई है।
11:30 AM, 11-Jun-2020
हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं।
11:29 AM, 11-Jun-2020
हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर है, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं उत्पादों का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।
11:24 AM, 11-Jun-2020
आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है। लेकिन फिर भी एक बड़ा काश हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है। एक बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना संकट ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान।
11:24 AM, 11-Jun-2020
लेकिन इन सबके बीच हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है। ये प्वाइंट आत्मनिर्भर भारत है।
11:20 AM, 11-Jun-2020
यही भावना मैं आज आपके चेहरे पर देख सकता हूं, करोड़ों देशवासियों के प्रयासों में देख सकता हूं। कोरोना का संकट पूरी दुनिया में बना हुआ है। पूरी दुनिया इससे लड़ रही है। कोरोना वॉरियर्स के साथ हमारा देश इससे लड़ रहा है।
11:19 AM, 11-Jun-2020
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘ये हमारी एकजुटता, ये एक साथ मिलकर बड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना, ये हमारी संकल्पशक्ति, ये हमारी इच्छाशक्ति, हमारी बहुत बड़ी शक्ति है, एक राष्ट्र के रूप में हमारी बहुत बड़ी ताकत है।’
11:19 AM, 11-Jun-2020
उन्होंने कहा कि, ‘हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत।’ यानी हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं।
11:18 AM, 11-Jun-2020
कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं। लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है।
11:17 AM, 11-Jun-2020
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं। कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं टिड्डी, कहीं ओलावृष्टि, कहीं असम ऑयल फील्ड में आग, कहीं छोटे-छोटे भूकंप।
11:15 AM, 11-Jun-2020
ICC ने 1925 में अपने गठन के बाद से आजादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है और भारत के विकास पथ का भी आप हिस्सा रहे हैं। अब इस बार की ये एजीएम एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश कई संकटों का सामना कर रहा है।
11:12 AM, 11-Jun-2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 95 वर्ष से निरंतर देश की सेवा करना, किसी भी संस्था या संगठन के लिए अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। ICC ने पूर्वी भारत के विकास में जो योगदान दिया है, विशेषकर वहां की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को, वो भी ऐतिहासिक है।
10:36 AM, 11-Jun-2020
ICC के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है
ये आईसीसी का 95वां सालाना कार्यक्रम है। कोरोना काल में पीएम मोदी अपने संबोधनों के जरिए देश को अपनी आगे की रणनीति के बारे में संकेत देते रहे हैं। सरकार का लक्ष्य कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना है।
Discussion about this post