भारत में लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. अब रोज 9000 से ज्यादा लोग इस संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. हालांकि अब भी देश में ज्यादातर कोरोना के मामले हल्के और मध्यम दर्जे के हैं. लेकिन हमें कोरोना की देश में मौजूदा स्टेज के बीच जानना चाहिए कि इसके मूल लक्षण क्या हैं.
कोरोना वायरस फेफड़ों के संक्रमण के साथ ही सक्रिय होता है. इसके बाद इसके दो संकेत शरीर में दिखने शुरू हो जाते हैं. ये दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी. कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है.
वैसे हम आपको बता दें कि कोरोना के कारण होने वाली खांसी सामान्य खांसी की तरह नहीं होती. सामान्य खांसी में आप जिस तरह खांसते हैं, उसके उलट कोरोना में खांसी ज्यादा जबरदस्त आती है, देर तक आती रहती है. आप एक घंटे या इससे ज्यादा वक्त तक खांसते रह सकते हैं. आप बुखार भी महसूस करने लगते हैं.अगर ऐसे खांसी के दौरे कई बार पड़ें तो …
अगर बुखार के साथ ऐसी खांसी के दौरे 24 घंटे में तीन बार या इससे ज्यादा पड़ रहे हों तो फिर जरूर गंभीर होने की जरूरत है. ऐसी खांसी के साथ बलगम भी गंभीर संकेत है. ऐसे में जरूर कोरोना हेल्प लाइन पर एक बार पूछताछ करें. साथ ही खुद को लोगों से अलग कर लें. बाहर निकलने से बचें
सवाल – क्या हैं सरकार द्वारा दिए गए हेल्प लाइन नंबर्स
– हम इस खबर के साथ कोरोना की हेल्प लाइन भी दे रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 24 घंटे फोन के लिए अपना जो नंबर जारी किया है वो 91-11-23978046 है. अगर आप दिल्ली से अपने मोबाइल पर फोन कर रहे हैं तो 011-23978046 मिलाएं. अगर आप लैंड लाइन से फोन कर रहे हैं तो दिल्ली से बाहर होने पर 011-23978046 नंबर मिलाएं अन्यथा 23978046 पर रिंग करें. फिर आपरेटर के निर्देशों का पालन करें. इसके अलावा केंद्र सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 1075 भी जारी किया हुआ है. ऑनलाइन जाकर संपर्क करें या फिर फोन नंबर से संपर्क करें. साथ ही हर जिला मुख्यालय ने भी कोरोना हेल्पलाइन के अपने नंबर जारी किये हैं.
सवाल – क्या ऐसे में शरीर का तापमान बढ़ जाता है
– कोरोना वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है. उसे ठंड महसूस हो सकती है. व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी लग सकती है.
अगर आपको दिन में कई बार काफी देर तक खांसी आती रहे और बुखार भी हो तो गंभीर होने की जरूरत है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सवाल – और क्या लक्षण हैं
– इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डायरिया भी हो सकता है. ताजा शोध कहता है कि ऐसे में खाने में स्वाद महसूस नहीं होना और गंध महसूस नहीं होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है.
सवाल – ऐसे लक्षण दिखने में कितने दिन लग सकते हैं
– कोरोना वायरस के लक्षण दिखने शुरू होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन ये इससे पहले भी नजर आने लग सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों का फासला हो सकता है.
सवाल – क्या इसमें तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है
– नहीं जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग घर पर ही आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं.

जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग घर पर ही आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं.
अस्पताल जाने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना है और मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है या नहीं
सवाल – कोरोना से जुड़ी पूरी जानकारी कहां मिल सकती है
– भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन की साइट पर भी इसकी पूरी जानकारी है.
सवाल – क्या वाकई बहुत घातक है कोरोना वायरस?
– दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण के आंकड़ों को अगर देखें तो संक्रमित होने वालों की तुलना में मृतकों की संख्या बहुत कम है. भारत में ही एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं. हालांकि जिनका संक्रमण बढ़ जाता है, उनकी हालत गंभीर हो जाती है.

वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के आंकड़े भी कहते हैं कि 80 फीसदी लोगों में कोरोना बहुत हल्के या मध्यम दर्जे का हो रहा है, जिसमें चिंता की कोई बात नहीं है
सवाल – वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के आंकड़े क्या कहते हैं
– 56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि –
6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.
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